कोरोना संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी की FY 2020-21 की रिपोर्ट, अर्थव्यवस्था को लेकर कहा ये…

भारतीय रिजर्व बैंक  की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय संकटों की तुलना में, स्वास्थ्य संकट वास्तविक अर्थव्यवस्था पर अधिक व्यापक दुर्बल करने वाला हो सकता है.

वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने महामारी के चलते महंगाई दर भी प्रभावित होने की बात कही. रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के चलते बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हुई है, मार्च 2021 से संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसका असर महंगाई दर पर पड़ सकता है.

रिपोर्ट में स्वास्थ्य संकट को देखते हुए एक जोखिम की स्थिति का अनुमान लगाया गया है भविष्य की लहरों के लिए तैयार रहना को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के परिदृश में निजी निवेश गायब है इसे पुनर्जीवित करना जरूरी है.

2020-21 में इंफ्लेशन दर 2019-20 की तुलना में 140 बेसिस प्वाइंट्स (1.4 फीसदी) बढ़कर 6.2 फीसदी तक पहुंच गया था. इसकी गणना सालाना आधार पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में बदलाव के तौर पर होती है. अप्रैल-जुलाई 2020 में WPI आधारित इंफ्लेशन शून्य के नीचे चला गया था और मई 2020 में 54 महीनों के निचले स्तर (-)3.4 पर पहुंच गया था.

 

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