गृह अर्थ : मंगल अस्त का शुभ फल आखिर किन राशियों पर होगा मेहरबान ? पढ़े
किसी राशि के लिए शुभ तो किसी राशि के लिए औसत फल देता है मंगल गृह, मंगल सूर्य से 17 डिग्री तक अस्त होता है
क्या होता है गृह अस्त
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार एक अस्त ग्रह एक बलहीन व अस्वस्थ राजा के सामान होता है। अस्त ग्रह अपने साथ-साथ जिस भाव में वह उपस्थित है उसके भी फलों में विलम्ब उत्पन्न करता है।
कहा ये भी जाता है की यदि जातक का कोई शुभ गृह सूर्य के पास अस्त होता है तो उसका भाग्य कमजोर पड़ जाता है। लेकिन अगर वही उसका पाप ग्रह सूर्य से अस्त होता है तो अपना पाप फल जातक को नहीं दे पाता है जो कि जातक के हित में अच्छा सिद्ध होता है।
मंगल गृह का अस्त
अगस्त अंतिम में मंगल गृह अस्त हुआ था। इसका तात्पर्य यह हुआ की इन जातकों का शुभ गृह मंगल होगा। उनको निश्चित रूप से हानि होगी। लेकिन जिन जातकों का मंगल कमजोर होगा उनको लाभ मिलना संभव है।
मंगल सूर्य से 17 डिग्री तक अस्त होता है। जब सूर्य से मंगल एक भाव पीछे या एक भाव आगे या युक्ति बनाकर विद्यमान हो। उनकी डिग्री में 17 डिग्री तक का अंतर हो तो मंगल अस्त होगा। लेकिन 17 से ऊपर मंगल अस्त नहीं होता है।
किन राशियों पर प्रभाव
कुल तीन राशियों पर इसका शुभ फल देखने को मिलेगा। वो राशि वृष, मिथुन व मकर राशि है। इन राशि के जातकों को नया मकान या वाहन खरीद, धन- लाभ, परेशानियों से छुटकारा, परिवार के सदस्यों का सहयोग व स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
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