ओ जिले के सरकार सुन लो मेरी पुकार बचा लो मेरी माँ के प्राण……

एक तरफ वाराणसी में कोरोनावायरस के कहर के कारण मरीजों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है, आए दिन ऑक्सीजन की कमी से जहां लोगों को मौत का भी सामना करना पड़ रहा है, वही लोग दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा जारी किए नंबरों पर भी बात नहीं हो पा रही है. जिससे लोगों को और संकट का सामना करना पड़ रहा है.

ताजा मामला बीएचयू के ट्रामा सेंटर का है जहां पर एक युवक द्वारा अपनी मां को बुधवार की रात से एडमिट कराने को लेकर परेशान है. उसे एडमिशन का स्लिप लेने के बावजूद भी एडमिट नहीं किया जा रहा है, उसी बीच जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो युवक जिले के मालिक को देखकर कुछ आस जगी और वह गुहार लगाने के लिए जिलाधिकारी के पास पहुंच गया.

रो-रो कर जिलाधिकारी के सामने युवक मां को भर्ती कराने को लेकर गुहार लगाने लगा जिस पर जिलाधिकारी ने अस्पताल के लोगों को युवक सीमा को भर्ती करने का आदेश तो दे दिया लेकिन अस्पताल प्रबंधक जिलाधिकारी के आदेश को ताक पर रखकर युवक की मां को अस्पताल में बेड की कमी का हवाला देकर उसे एडमिट नहीं किया गया.

ऐसे में समझा जा सकता है की स्वास्थ्य व्यवस्था है वाराणसी में इस तरह से चरमरा गई है कि कहीं बेड नहीं तो कहीं ऑक्सीजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है जहां पर व्यवस्था है उच्चतम होनी चाहिए थी लेकिन स्थिति ढाक के तीन पाठ की तरह है सरकार लाख अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन स्थिति कुछ और ही है.

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