मथुरा : डॉक्टर पैसा लेकर कर रहे हैं कोरोना की जांच-मान सिंह
मथुरा : स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने, कोरोना की जांच कराने आये युवक ने डॉक्टरों पर लगाया पैसा लेकर जाँच करने का आरोप
गांवो से एंबुलेंस में लाकर जिला अस्पताल पर लाकर मरीजों को किया जा रहा है परेशान। 25 से 30 मरीज ट्रॉमा सेंटर के सामने सुबह से बैठे हैं कोरोना टेस्टिंग के इंतजार में.
स्वास्थ्य विभाग पर पैसे लेकर जांच किए जाने का मरीजों द्वारा लगाया जा रहा है आरोप। पुलिस द्वारा लाए जा रहे कैदियों की भी नहीं की जा रही है कोरोना जांच। कैदियों की कोरोना जांच ना होने के चलते पुलिसकर्मियों में बना हुआ है कोरोना संक्रमण होने का खतरा।
संक्रमित कैदियों के संपर्क में आने पर पूर्व में भी कई पुलिसकर्मी हो चुके हैं संक्रमित। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा है इस ओर कोई भी ध्यान।
पूरा देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है, कान्हा की नगरी मथुरा में भी अब तक 96 मरीज कोरोना संक्रमित के सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद भी मथुरा का स्वास्थ्य विभाग कोई भी सबक नहीं ले रहा है, तथा घोर लापरवाही बरत रहा है.
आज मथुरा के स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पताल पर एक बड़ी लापरवाही सामने आई जिसमें कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए व्यक्तियों को गांव से एंबुलेंस द्वारा लाकर जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पर छोड़ दिया गया और कोरोना जांच कराने के लिए कहा लेकिन सभी लोग सुबह से बैठे हुए अपनी जांच का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी की भी जांच नहीं की गई.
इन लोगों ने जब स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच की जाएगी, लेकिन शाम 5:30 बजे तक किसी भी मरीज की कोई भी जांच नहीं की गई.
जब मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि उन सभी को उनके गांव से एंबुलेंस द्वारा लाकर जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग पर छोड़ दिया गया है, तथा सभी की जांच के लिए कहा गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ₹500 रुपये लेने के बाद में नए आने वाले सभी व्यक्तियों की जांच कर रहे हैं तथा हमारी किसी भी तरह की कोई जांच नहीं की जा रही है और जब हम ने अधिकारियों से जांच की लिए कहा तो संबंधित अधिकारी अस्पताल से हमें छोड़कर निकल गए.
इसी के साथ में वहां पर कुछ पुलिसकर्मी जो कि कैदियों को जांच के लिए लेकर आए थे , उनकी भी जांच स्वास्थ विभाग द्वारा नहीं की गई. जब पुलिसकर्मियों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह सुबह से ही कैदियों को ले करके बैठे हुए हैं, डॉक्टर कोई भी संतोष पूर्वक जवाब नहीं देते ना ही इनकी जांच कर रहे हैं.
एक पुलिसकर्मी ने बताया कि पूर्व में भी कुछ कैदियों में कोरोना का संक्रमण पाया गया था जिसके चलते मथुरा में 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है, तथा कुछ पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित भी पाए गए हैं , हम सुबह से जिला अस्पताल में कैदियों को लेकर रुके हुए हैं तथा किसी तरह की जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैदियों की नहीं की जा रही है, जिससे कि हमे कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
इस मामले में जब मुख्य चिकित्साधिकारी से बातचीत करनी चाही तो उनके पीआरओ ने कहा कि साहब अभी बिजी हैं अभी बात नहीं हो पाएगी, मीडिया में बात पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो डॉक्टरों को मौके पर भेजा गया जब उनसे इस बारे में वार्ता करनी चाही तो वह डॉक्टर अपना पल्ला झाड़ते हुए कैमरे से बचकर भागते हुए नजर आए, तथा उन्होंने कोई भी जवाब देना उचित नहीं समझा तथा आए हुए मरीजों की जांच के संबंध में कुछ भी नहीं बताया।
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