गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी से होने वाले इस खतरे के बारे में नहीं जानते होंगे आप !
ऐसी महिलाएं, जो गर्भावस्था के दौरान विटामिन-डी की कमी से पीड़ित होती हैं, उनके बच्चों में जन्मजात और वयस्क होने पर मोटापा बढ़ने की अधिक संभावना रहती है। एक शोध में यह पता चला है।ऐसी मां की कोख से जन्म लेने वाले बच्चे, जिनमें विटामिन-डी का स्तर बहुत कम है, उनकी कमर चौड़ी होने या छह साल की आयु में मोटा होने की संभावना अधिक होती है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी के नतीजे में नर चूहों में एक हार्मोन टेस्टोस्टेरोन बढ़ गया. हालांकि, ऑटिज्म की बीमारी की जैविक वजह अभी तक अज्ञात है. मगर, शोधकर्ताओं ने पाया कि बहुत सारे जोखिमों में से एक मां में विटामिन डी की कमी है.
इन बच्चों में शुरुआती दौर में पर्याप्त विटामिन-डी लेने वाली मां के बच्चों की तुलना में दो प्रतिशत अधिक वसा होती है।अमरीका में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वइया लिदा चाटझी ने कहा कि ये बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं दिखती, लेकिन हम वयस्कों के बारे में बात नहीं कर रहे, जिनके शरीर में 30 प्रतिशत वसा होती है।
इसके चलते लड़के के दिमाग में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है. इसके अलावा, कैल्शियम अवशोषण में भूमिका निभाने के साथ विटामिन डी शारीरिक वृद्धि के कई पहलुओं के लिए बहुत जरूरी है. रिपोर्ट के मुताबिक, मां के साथ उनके बच्चों में भी विटामिन डी की कमी होती है. जिसके नतीजे में टेस्टोस्टेरोन का टुकड़े करनेवाला एक एंजाइम काम नहीं कर पाता और उसका लेवल बढ़ जाता है.
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