उपद्रव पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, इस तारीख को होगी संपत्तियों की नीलामी

उपद्रव पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन। लखनऊ में एनआरसी-सीएए हिंसा के दोषियों की संपत्ति कुर्क, 16 जुलाई को होगी नीलामी

लखनऊ के जिला प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में तीन आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने के बाद उनकी नीलामी की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। आगामी 16 जुलाई को पहले तीन दोषियों की कुर्क की गयी संपत्ति की नीलामी कर के सरकार सार्वजनिक संपत्ति के नुक्सान की भरपाई करेगी।

NRCऔर CAA के के विरुद्ध हुए प्रदर्शन के मामले में लखनऊ के चार थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में 54 लोगों के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया था। हिंसा के विरुद्ध अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती के कोर्ट से जारी रिकवरी सर्टिफिकेट के क्रम मे में 4 वसूली प्रमाण पत्र जारी किए गए। उनमें से हसनगंज, बासमंडी और खुर्रमनगर इलाके में तीन संपत्तियां कुर्क कर ली गई हैं। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार दिनाक 30  जून को दो बाकीदार की चल संपत्ति कुर्क कर सील की गई तथा एक बाक़ीदर की चल सम्पत्ति की कुर्की गुरूवार को की गई।

जिला प्रशासन के अनुसार संपत्ति कुर्की और नीलामी की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। समस्त आरोपियों के विरुद्ध नोटिस तथा मांग पत्र जारी एवं तामील कराया जा चुका है और नोटिस की अवधि व्यतीत होने के पश्चात सभी के विरुद्ध गिरफ्तारी अधिपत्र जारी हो चुका है। जिसके क्रम में समस्त बाकीदारों के विरुद्ध चल संपत्ति कुर्की की कार्यवाही की जा रही है।

लखनऊ प्रशासन ने लगवाए थे आरोपियों के होर्डिंग्स
उल्लेखनीय है कि बीते मार्च महीने में जिला प्रशासन ने आरोपियों के होर्डिंग्स जगह-जगह लगवाए थे। इस होर्डिंग में आरोपियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जुर्माना भरने को कहा गया था। इन होर्डिंग्स में कहा गया था कि अगर ये लोग जुर्माना नहीं देते हैं तो इनकी सपंत्ति जब्त कर ली जाएगी।

हाईकोर्ट ने दिया था फोटो वाले होर्डिंग्स हटाने का आदेश
उसके बाद कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव पर लखनऊ जिला प्रशासन ने 20 मार्च को तमाम वसूली और कुर्की की प्रक्रिया को अस्थाई तौर पर रोक दिया था। हाईकोर्ट ने योगी सरकार से आरोपियों के फोटो और निजी जानकारी वाले सभी होर्डिंग्स हटाने का भी आदेश दिया था।

मुख्यमंत्री ने दिया था संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई का बयान  
दिसंबर महीने में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान देते हुए प्रदर्शनकारियों से संपत्ति के नुकसान का  बदला लेने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, ‘हम इस पर सख्ती से निपटेंगे। मैं खुद इसकी निगरानी कर रहा हूं। जो भी हिंसा में शामिल हैं, उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और कई चेहरों को वीडियोग्राफी और सीसीटीवी में पहचान लिया गया है। हम उनकी संपत्ति जब्त करेंगे और ऐसे लोगों से बदला लेंगे।’

विभिन्न शहरों की पुलिस और जिला प्रशासन ने भेजे थे नोटिस
इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हुई हिंसा के संबंध में विभिन्न शहरों की पुलिस और जिला प्रशासन ने लोगों को नोटिस भी भेजे थे। सबसे अधिक 200 नोटिस मुरादाबाद में दिए गए। लखनऊ में 100, बिजनौर में 43, गोरखपुर में 33 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस दिए गए थे।

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