Yogi Adityanath Government: योगी सरकार में आखिर क्यों नाराज हैं ये तीनों मंत्री साहब

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक,जितिन प्रसाद और दिनेश खटीक हालांकि इनकों मालूम है सूबे की सीएम का क्या तरीका होता है लिहाजा वो उनसे मिलने में परहेज कर रहे हैं

Yogi Adityanath Government: योगी सरकार के सौ दिन पूरे होती है आचनाक खलबली मच गई है,सूबे के तीन कद्दावर नेता नाराज बताए जा रहे हैं आखिर हो भी भला क्यों ना ट्रॉसफर पोस्टिंग के खेल के चक्कर में जो फंस गए है.उन्हे क्या पता है मामला इतना बढ़ जाएंगा की जांच होनी शुरु हो जाएंगी और जेल तक जाना पड़ जाएंगा अब जब हंगामा बरपा है तो नराजगी का हवाला देकर कन्नी काट रहे हैं ये हैं वो मंत्री जो दबी जुबान से नाराज हैं.डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक,जितिन प्रसाद और दिनेश खटीक हालांकि इनकों मालूम है सूबे की सीएम का क्या तरीका होता है लिहाजा वो उनसे मिलने में परहेज कर रहे हैं और दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं।

ट्रांसफरों पर सीएम योगी ने बैठा दी जांच

यूपी में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के साथ सूबे में ट्रांसफर के खेल ने खलबली मचा दी है –योगी सरकार के तीन मंत्री इन दिनों चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं, सबसे पहले नाराज हुए स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक हो भी क्यों ना भला विभाग में हुए तबादलों पर जो सवाल खड़ा हुआ है.और अब पीडब्लूडी विभाग में हुए ट्रांसफर पर सीएम योगी ने जांच बैठा दी तो जितिन प्रसाद नराज हो गए —तो दूसरी तरफ जल शक्ति मंत्रालय में भी तबादलों को लेकर खींचतान की बात सामने आ रही है और दिनेश खटीक भी नाराज बताएं जा रही हैं,सवाल यही है आखिर ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल कौन कर रहा है.इन मंत्रियों को भी मालूम है

अगर सीएम योगी बैठे हैं तो चक्कर चलाने वाले खुद ही घनचक्कर हो जाएंगे —अब मामला रसूक पर अटक गया है तो नाराजगी की बात निकल कर सामने आ रही है ।

जितिन प्रसाद क्यों आ गए निशाने पर

जितिन प्रसाद के मंत्रालय लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियर्स का तबादला हुआ था. पीडब्ल्यूडी के करीब 200 अधिशासी अभियंता और डेढ़ सौ से अधिक सहायक अभियंता का तबादला हुआ है. पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए तबादलों पर सीएम योगी ने न सिर्फ जांच बैठाई है, बल्कि जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय भी नप गए हैं. भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर आए अपर सचिव अनिल पांडेय के खिलाफ विजिलेंस जांच और विभागीय कार्रवाई की भी सिफारिश भी सरकार ने कर दी है योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की चर्चा है, लेकिन सरकार की तरफ से इससे इंकार कर दिया गया है.

नाराजगी खुलकर नहीं आई सामने

बताया जा रहा है कि जलशक्ति विभाग में तबादलों और हस्तिनापुर में अपने समर्थकों पर एफआईआर लिखे जाने से राज्यमंत्री दिनेश खटीक नाराज हैं उनके सभी फोन देर रात से बंद हैं।चर्चा है कि जलशक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने सरकारी गाड़ी और सुरक्षा भी छोड़ दी है. इसके साथ ही दिनेश खटीक न तो अपने सरकारी आवास पर हैं और न ही मेरठ के हस्तिनापुर स्थित अपने निजी आवास पर हैं. दिनेश खटीक के अलावा लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी नाराज हैं, लेकिन उनकी नाराजगी खुलकर सामने नहीं आई है.सूत्रों के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग में बड़ी कार्रवाई के बाद मंत्री जितिन प्रसाद आज दिल्ली पहुंचेंगे.

सरकारी आवास नहीं लौटे दिनेश खटीक

सूत्रों का कहना है कि जितिन प्रसाद आज गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाक़ात कर सकते हैं. माना ये जा रहा है कि तबादलों पर कार्रवाई और जांच को लेकर जितिन प्रसाद, अमित शाह के सामने अपनी बात रख सकते हैं.कल योगी कैबिनेट की बैठक में पहुंचे जितिन प्रसाद मीडिया के सामने नहीं आए थे. जितिन प्रसाद लोक निर्माण विभाग में तबादलों में हुई गड़बड़ियों के आरोपियों पर हो रही कार्रवाई को लेकर नाराज बताये जा रहे हैं. इसी बात को लेकर उन्होंने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और आज वो दिल्ली में अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं. बैठक के लिए निकले, लेकिन सरकारी आवास पर नहीं लौटे इस बीच जलशक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक भी मंगलवार को मंत्रिमंडल बैठक के लिए निकले थे, लेकिन वो सरकारी आवास नहीं लौटे.

क्यों नाराज हैं दिनेश खटीक?

उन्होंने संगठन महामंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की थी और अपनी बात कहकर ,नाराजगी जताकर निकल गए, और फिर वो अपने सरकारी आवास नहीं लौटे. चर्चा ये है कि उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी और सुरक्षा छोड़ दी है.इसके अलावा बीते महीने मेरठ में दलित युवकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी. पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज न होने पर वह नाराज थे. बाद में इस मामले में राज्य मंत्री दिनेश खटीक के समर्थकों पर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिसकर्मियों पर भी केस दर्ज किया गया था. अपने समर्थकों पर केस दर्ज होने से वह नाराज बताए जा रहे हैं फाइनल वीओ-सूबे में इन दिनों ट्रांसफर पोस्टिंग पर बवाल मचा हुआ है

मचे भी भला क्यों ना –दो मलाईदार विभागों का जो मसला है एक तरफ स्वास्थ्य विभाग तो दूसरी तरफ पीडब्लूडी —ये दोनों ही विभाग ब्राम्हण कोटे से आई मंत्रियों के पास है और दोनों ही विभागों के कद्दावर नेता मंत्री हैं —अब सवाल यही है आखिर ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में कौन मजा ले रहा है —आखिर किसके इशारे पर ये खलबाली मची हुई है।

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