भारत सरकार के प्रयास से दुबारा कनाडा से आज काशी पहुंची मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में आज एक ऐतिहासिक दिन के रूप में देखा जाएगा। लगभग 108 वर्ष पूर्व चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा एक बार फिर श्री

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में आज एक ऐतिहासिक दिन के रूप में देखा जाएगा। लगभग 108 वर्ष पूर्व चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा एक बार फिर श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रतिस्थापित हुई मां की यह मूर्ति लंदन और फिर कनाडा चली गई थी। वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार के प्रयास से यह मूर्ति दुबारा कनाडा से आज काशी पहुंची।

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पूरे विधि-विधान से मां की प्रतिष्ठापना श्री विश्वनाथ धाम में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे कार्यक्रम में काशी के विद्वानों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ मां के पूरे विधि विधान से अभिषेक और पूजन अर्चन किया गया। वहीं बाबा के प्रांगण में डमरु बजाए गए और सभी ने हर हर महादेव के साथ जय मां अन्नपूर्णा के नारा लगाए कुछ क्षण के लिए मानव काशी का पूरा माहौल ही बदल गया। हर कोई इस विशेष प्रतिमा के दर्शन करने के लिए ललाई दिखा शहर भ्रमण में भी विभिन्न स्थानों पर ढोल नगाड़े की थाप पर मां अन्नपूर्णा का स्वागत किया गया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने बताया सबसे पहले प्रथम गणेश पूजन किया गया। उसके बाद पंचांग पूजन कलश स्थापना नवग्रह पूजन पुण्य वाचन और उसके बाद भगवती अन्नपूर्णा का ध्यान मां अन्नपूर्णा का पंचामृत अभिषेक किया गया। कलस के अभिमंत्रित जल से माता अन्नपूर्णा का अभिषेक उसके बाद उनकी प्रतिष्ठा संपन्न हो रही है। मां अन्नपूर्णा को काशी की अधिष्ठात्री कहा जाता है अनीता यह है कि जब तक यहां पर जीव जीवित रहता है। यह उसे अन्न देती हैं। काशी बाबा विश्वनाथ की राजधानी है और मां अन्नपूर्णा की राजधानी है आज यह पूरे काशी वासियों और पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि मां अपने राजधानी में विराजमान हो रही हैं।

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