RTI से हुआ बड़ा खुलासा जानकर रह जाएंगे दंग, PM केअर फण्ड को लेकर हैरान करने वाली जानकारी

आरटीआई से पता चला है कि पीएम केयर्स फंड (Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations) में केवल केंद्रीय शिक्षण संस्थानों ने ही नहीं बल्कि सात बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सात अन्य प्रमुख वित्तीय संस्थानों, बीमाकर्ताओं और आरबीआई ने मिलकर अपने स्टाफ के वेतन से पीएम केयर्स फंड में 204.75 करोड़ रुपये का योगदान दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) और नेशनल हाउसिंग बैंक ने भी अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) आवंटन और अन्य प्रावधानों से अलग 144.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया.

रिपोर्ट के अनुसार 15 सरकारी बैंकों और संस्थानों से कुल योगदान 349.25 करोड़ रुपये था. प्रधानमंत्री कार्यालय जो फंड का प्रबंधन करता है, ने इस बारे विवरण देने से, यह कहकर इंकार कर दिया था कि पीएम CARES RTI अधिनियम के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संस्थानों ने आरटीआई जरिये पीएम केयर्स में अपने इस योगदान की जानकारी दी है. एलआईसी ने अकेले 113.63 करोड़ रुपये विभिन्न श्रेणियों के तहत दिए. जिनमें कर्मचारियों के वेतन से 8.64 करोड़ रुपये, कॉर्पोरेट संचार (Corporate Communication) के तहत 100 करोड़ रुपये और गोल्डन जुबली फाउंडेशन के तहत 5 करोड़ का योगदान दिया.सार्वजनिक क्षेत्र के सात बड़े बैंकों में सबसे ज्यादा SBI ने 107.95 करोड़ का योगदान पीएम केयर्स फंड में दिया.

SBI ने RTI के जवाब में कहा कि उसने 31 मार्च को 100 करोड़ रुपये की पहली किश्त का भुगतान किया. बैंकक ने कहा कि उसके पूरा योगदान उसके कर्मचारियों की सैलरी में से था. RBI ने कहा कि उसने 7.34 करोड़ रुपये का योगदान कर्मचारियों की सैलरी से दिया. इस साल 28 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के बाद पीएम CARES की स्थापना की गई थी और 31 मार्च तक इसमें 3,076.62 करोड़ रुपये जमा हो गया.

जिसमें से 3,075.85 करोड़ रुपये को स्वैच्छिक योगदान के रूप में आधिकारिक वेबसाइट पर सूचीबद्ध किया गया था.इससे पहले जानकारी सामने आयी थी कि 38 सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) ने अपने सीएसआर फंड का उपयोग 2,105 करोड़ रुपये से अधिक के योगदान के लिए किया. जबकि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों और नियामकों ने शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के वेतन, छात्रों और पेंशनभोगियों से स्वैच्छिक योगदान के रूप में 21.81 करोड़ रुपये का योगदान दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार केनरा बैंक आरटीआई में कहा कि उसने 15.53 करोड़ रुपये का योगदान दिया. इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 14.81 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 11.89 करोड़ बैंक ऑफ महाराष्ट्र 5 करोड़ रुपये का योगदान पीएम केयर्स फंड में दिया.

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