क्या सच में एबीएफआरएल बेचेगा अपनी 7.8 फीसदी की हिस्सेदारी?, पढ़ें पूरी खबर

कोविड-19 संक्रमण की वजह से ऑफलाइन रिटेल कंपनियों को भारी घाटा हुआ है और उनकी वैल्यूएशन घट गई है। फ्लिपकार्ट और अन्य कंरनियां इसी का फायदा उठा कर एबीएफआरएल में हिस्सेदारी...

दिल्ली: कोविड-19 संक्रमण की वजह से ऑफलाइन रिटेल कंपनियों को भारी घाटा हुआ है और उनकी वैल्यूएशन घट गई है। फ्लिपकार्ट और अन्य कंरनियां इसी का फायदा उठा कर एबीएफआरएल में हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं। आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है। एबीएफआरएल ने कहा कि उसके बोर्ड ने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट समूह को 1,500 करोड़ रुपये में तरजीही आधार पर 7.8 फीसद हिस्सेदारी जारी करने की योजना को मंजूरी दी है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ”आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ने आज फ्लिपकार्ट समूह को तरजीही शेयर जारी कर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी। इसके तहत प्रति शेयर 205 रुपये की दर से इक्विटी पूंजी जुटाई जाएगी।

फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट दोनों आदित्य बिड़ला ग्रुप के रिटेल वेंचर, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल यानी एबीएफआरएल में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में हैं। पैंटालून, एलन सोली और पीटर इंग्लैड जैसे ब्रांड एबीएफआरएल के ही हैं। इकनॉमिक टाइम्स के एक खबर के मुताबिक, इस सौदे की जानकारी रखने वालों का कहना है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन एबीएफआरएल में छोटी हिस्सेदारी खरीद सकती है।

एबीएफआरएल ने शेयर बाजार को बताया कि इस निवेश के साथ ही पूर्ण चुकता आधार पर उसकी 7.8 फीसद हिस्सेदारी फ्लिपकार्ट समूह को मिलेगी। कंपनी ने बताया, ”निर्गम के पूरा होने के बाद एबीएफआरएल के प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 55.13 फीसद बचेगी।

आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह साझेदारी भारत में परिधान उद्योग के भविष्य को लेकर मजबूत विश्वास को दर्शाती है, जिसके अगले पांच वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

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