कानपुर पुलिस मुठभेड़ पर सवाल, 8 शहादत का जिम्मेदार कौन???

कानपुर में हुई यूपी पुलिस की टीम और अपराधियों के साथ हुई दुस्साहसिक वारदात में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं.

सबसे पहले उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के बयान को सुनिए जिसमे उंन्होने कहा.

1-विकास दुबे बडा हिस्ट्रीशीटर है 60 केस दर्ज है.

2- एक मामले मे एफआईआर हुई थी जिसमे पुलिस इसे गिरफ्तार करने गई थी.

3- इसने जेसीबी लगा कर रास्ता रोक रखा था औऱ जैसे ही फोर्स उतरी और बदमाशों ने फायरिंग शुरु कर दी.

4- घर की छतो पर बदमाश मौजूद थे जिन्होने फायरिंग की है.

5- हमारे आठ जवान शहीद हुये है और सात जवान घायल है.
6- एडीजी ला एंड आर्डर, आईजी एसटीएफ को आपरेशन की कमान संभालने भेजा है.

7- बहुत बडा आपरेशन चलाने जा रहे है.
8- जो हथियार इन्होने इस्तेमाल किये है वो कहा से आये ये इन्वेस्टीगेशन करना है.

अब सवाल ये कि….

जब पुलिस दबिश देने गई थी तो…अपराधियों को खबर कैसे हुई..?

2- क्या अपराधियों की मुखबिरी करवाने वाली पुलिस की मुखबिरी हुई.?

3- जब दबिश देने पुलिस टीम गई थी तो…मुखबिरी किस भेदिये ने की.?

यूपी पुलिस के साथ हुई इस दुस्साहसी घटना ने प्रदेश के 8 जगहों पर मातम का माहौल बना दिया है…..

इन शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम:-

1. देवेन्द्र मिश्र पुत्र महेश चन्द्र मिश्र (क्षेत्राधिकारी, बिल्हौर), ग्राम व पोस्ट- महेवा, थाना गिरवॉ, जिला बांदा

2. महेश चन्द्र यादव पुत्र देवनारायण यादव, ग्राम-वनपुरवा, थाना सरेनी, जिला-रायबरेली

3. अनूप कुमार सिंह पुत्र रमेश बहादुर सिंह, ग्राम- बेलखरी,पोस्ट- डडीकाडीह, थाना-मानधाता, प्रतापगढ़

4. नेबूलाल पुत्र कालिका प्रसाद, ग्राम-मीती,थाना-हड़िया, जिला-इलाहाबाद

5. जितेन्द्र पाल पुत्र तीर्थपाल, ग्राम-बरारी, पोस्ट-बरारी, थाना रिफाइनरी, जिला- मथुरा

6. सुल्तान सिंह पुत्र हर प्रसाद, ग्राम-मऊरानीपुर दलीलचौक, थाना-मऊरानीपुर, जिला झांसी

7. बबलू कुमार, पुत्र छोटेलाल, ग्राम-पोखर पांडेय, नगला लोहिया, पोस्ट- मलोखरा, थाना-फतेहाबाद, जिला-आगरा

8. राहुल कुमार पुत्र ओमकुमार, ग्राम-सी-405, देवेन्द्र पुरी, थाना-मोदीनगर, जिला गाजियाबाद

इस दुस्साहसिक घटना के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया…और शहीदों को श्रद्धांजलि दी….

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने TWEET किया..

“कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि!, उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है। अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए।”…

“उप्र की भाजपा सरकार अपनी पोलपट्टी खुलने के डर से आनन-फ़ानन में मुख्य अपराधी को न पकड़कर छोटी-मोटी मुठभेड़ दिखाने का नाटक करवा रही है। इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल और गिरेगा तथा पुलिस का आक्रोश भी बढ़ेगा सरकार तुरंत मुआवजा घोषित करे व परिजनों को हर संभव संरक्षण दे, निंदनीय!”…

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा:-

बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें यूपी पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 जवान शहीद हो गए। यूपी पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं। यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं।

 

इस घटना पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट किया:-

”कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा एक भिड़ंत में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत व 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण। स्पष्ट है कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है।”

इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या इस शहादत के पीछे अंग्रेजों द्वारा 1851 में बनाया गया वह कानून है जिसमें आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, और जो पुलिस को एक स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देता.

क्या पुलिस रिफॉर्म में कमी खाकी पर हमले को बढ़ावा दे रहा है. ऐसे तमाम गंभीर सवाल आज उठ रहे हैं.  सवालअब ये है कि पुलिस टीम की तैयारी में कहां कमी रह गई. पुलिस के इस कार्रवाई की खबर विकास दुबे तक कैसे पहुंची.

पुलिस मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिसकर्मियों का शहीद होना कई सवाल छोड़ जाता है. शातिर अपराधी विकास दुबे पर 52 से ज्यादा मामले राज्य के अलग-अलग जिलों में दर्ज हैं. सवाल ये भी उठता है कि इतना खतरनाक अपराधी खुलेआम कैसे घुम रहा था…???

जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अपराधियों पर लगातार कार्रवाई हो रही थी. एक स्थानीय बदमाश जिसके हौसले इतने बुलंद हो गये थे कि उसके गैंग ने आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी.

यही नहीं चौबेपुर क्षेत्र के गांव में विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य कैसे चल रहा था? पुलिस ने जब दबिश डालने की योजना बनाई और विकास को घेरने पहुंची तब विकास के गैंग का योजनाबद्ध तरीके से पलटवार करना मुखबिरी की तरफ इशारा करता है. इस बात की खबर विकास दुबे तक कैसे पहुंचीं कि पुलिस उस पर कार्रवाई करने आ रही है.

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