भोजन बनाते वक्त आयुर्वेद की इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान….
पौष्टिक आहार ही अच्छी सेहत का राज होता है। आयुर्वेद की मानें तो सही खानपान से हर बीमारी और
पौष्टिक आहार ही अच्छी सेहत का राज होता है। आयुर्वेद की मानें तो सही खानपान से हर बीमारी और शारिरिक परेशानी से बचा जा सकता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप आयुर्वेद के कुछ खास नियमों को अपनाकर बीमारियां को दूर भगा सकते हैं।
ठंडा खाना और पानी है नुकसानदायक
फ्रिज में रखे हुए खाने को हमेशा गर्म करके ही खाएं और इसके साथ ही ठंडा पानी भी न पिएं। इससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आयुर्वेद के अनुसार आपको भोजन हमेशा गर्म और ताजा ही खाना चाहिए और खाने के 45 मिनट के बाद ही पानी पीना चाहिए।
सब्जियों को ज्यादा पकाकर नहीं उबाल कर खाएं
सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। लेकिन इनको ज्यादा पकाया जाए तो ये पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इसलिए सब्जियों को देर तक पकाकर खाने की बजाय आप इनको उबलकर खाएं। इसके अलावा कुछ सब्जियों को कच्चा भी खाया जा सकता है। इसलिए खाना बनाते समय तापमान कम रखें। इससे खाने के पोषक तत्व नष्ट नहीं होंगे।
चोकर वाले आटे की रोटियां खाएं
आटे को छानकर नहीं कुछ चोकर के साथ खाएं। आयुर्वेद के अनुसार चोकर के साथ बनाई हुई रोटियां आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होती हैं। चोकर में फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। इसलिए अगर संभव है तो आटे को थोड़ा सा मोटा ही पिसवाएं।
घर पर बनाए गए मसालों का प्रयोग करें
आयुर्वेद के अनुसार मसाले आपकी इम्यनिटी को स्ट्रोंग बनाने में सहायक होते हैं। इसलिए बाजार के मिलावटी मसाले के सेवन से बचें। इसके लिए आप बाजार से साबुत मसाले लाएं और उन्हें घर पर पीसकर खुद ही बनाएं। अपने रोज के खाने में हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च, धनिया, प्याज, लहसुन, अदरक, तेज पत्ता, हींग, जीरा, अजवाइन आदि का प्रयोग जरूर करें। ये सभी मसाले आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं।
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