कब है नाग पंचमी, जानिए महत्व और पौराणिक कथा

सावन के महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व काफी खास माना जाता है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का अत्यंत महत्व माना जाता है। इस बार नाग पंचमी का पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।

सावन के महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व काफी खास माना जाता है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का अत्यंत महत्व माना जाता है।   इस बार नाग पंचमी का पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।

इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं। ऐसी कहा जाता है कि इस दिन रुद्राभिषेक कराना काफी शुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने साथ-साथ शिव की पूजा व रुद्राभिषेक करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि नाग पंचमी का पर्व क्यों मनाया जाता है तो चलिए आपको बताते हैं।

नागपंचमी की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक नाग पंचमी का एक किस्सा भगवान कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है। जी हां कहते हैं कि एक बार जब भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तब गलती से उनकी गेंद नदी में जा गिरी और इस नदी में कालिया नाग का वास था। वहीं अपनी गेंद नदी में जाता देख भगवान कृष्ण नदी में कूद गए और फिर नदी में कालिया नाग ने भगवान कृष्ण पर हमला कर दिया।

लेकिन जब कालिया नाग को जब ये पता चला कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं तो कालिया नाग ने उनसे मांफी मांगी और वचन दिया कि वो अब से किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगे। ऐसा कहा जाता है कि कालिया नाग पर श्री कृष्ण की विजय को भी नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

नागपंचमी पूजन और सर्पदोष से मुक्ति

जिन भी लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन लोगों को इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा करने से कुंडली का यह दोष समाप्त होता है। यह दिन कई दोषों से मुक्ति पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन ऊं नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्रों का जाप सुबह-शाम करना चाहिए।

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