कानपुर हत्याकांड में कब और क्या-क्या हुआ? इन 12 प्वाइंट्स में जानें

कानपुर. 8 पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार हो गया है। वहीं विकास दुबे गैंग के 5 साथियों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किया गया है।

कानपुर हत्याकांड में कब और क्या-क्या हुआ? इन 12 प्वाइंट्स में जानें

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए, 1 अन्य शख्स भी घायल हुआ।

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया। पूरे केस में 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। विकास पर 2.5 लाख, अमर पर 25 हजार और दूसरे लोगों पर 18-18 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया। विकास दुबे का विकरू गांव स्थित मकान गिराया गया। विकास दुबे के नेपाल भागने की सूचना आती है, एक टीम रवाना की जाती है।

4 जुलाई: मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठते हैं। कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू होती है।

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।

6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।

7 जुलाई: फरीदाबाद में विकास दुबे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया। इसमें वह ऑटो पकड़ता दिखा। उसकी 3 सहयोगियों को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार होने वालों में कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर, और अंकुर के पिता श्रवण के नाम शामिल हैं। चौबेपुर थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया गया, उनकी मोबाइल कॉल डिटेल की भी जांच शुरू।

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। विकास दुबे पर इनाम की राशि बढ़ाकर 5 लाख की गई। विकास दुबे गैंग का मेम्बर श्यामू बाजपेयी एनकाउंटर में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। मुखबिरी के आरोप में चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी और चौकी प्रभारी केके शर्मा निलंबित किए गए। पूरे चौबेपुर थाने को बदला गया, यहां 55 नए पुलिसकर्मी तैनात किए गए।

9 जुलाई: विकास दुबे के दो साथी प्रभात मिश्रा और बव्वन पुलिस मुठभेड़ में ढेर। प्रभात मिश्रा को पुलिस ने फरीदाबाद से पकड़ा था वो भागने की कोशिश में मारा गया। इटावा में पुलिस ने प्रवीण उर्फ़ बव्वन दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। उज्जैन में विकास दुबे ने किया सरेंडर।

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