पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन से क्या पड़ेगा भारत पर असर ….
शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले पीएम हो सकते हैं। लेकिन इन तमाम घटनाक्रमों के बीच यह जानना जरूरी है कि पाकिस्तान में हो रहे इन बदलावों का भारत पर क्या प्रभाव होगा
पाकिस्तान के ‘लोकतंत्र’ में यह पहली बार है कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर किसी प्रधानमंत्री को सत्ता से बेदखल किया गया है। ठीक 49 साल बाद, जिस तारीख को पाकिस्तान की संसद ने पाकिस्तान के संविधान को मंजूरी दी, 10 अप्रैल 1973। इमरान को बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी प्रक्रिया में संसद, संविधान और सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई। लेकिन दूरबीन से देखने पर जनरल बाजवा भी दूर कही न कही बैकग्राउंड में खड़े नजर आएंगे। ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तानी सेना की निकटता ने उन्हें सत्ता में ला दिया। और समय के साथ सेना से खींचतान की वजह से आखिरकार इमरान का सफाया हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले पीएम हो सकते हैं। लेकिन इन तमाम घटनाक्रमों के बीच यह जानना जरूरी है कि पाकिस्तान में हो रहे इन बदलावों का भारत पर क्या प्रभाव होगा.
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पिछले ढाई साल में इमरान ने भारत पर एक अलग रुख अपनाया है। पुलवामा हमले और बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में कड़वाहट बढ़ती चली गई। इमरान ने पीएम मोदी पर सीधा हमला शुरू कर दिया। इतना ही नहीं इमरान ने RSS का नाम लेकर अटैक किया। यही कारण है कि राजनयिक स्तर पर दोनों देश आधिकारिक तौर पर एक-दूसरे से जुड़े रहे, लेकिन दोनों देशों के नेताओं के बीच गर्मजोशी का सवाल ही नहीं उठा। देखना होगा कि इमरान खान के जाने से दोनों देशों संबंधों में जो वैक्यूम क्रिएट हुआ है, उसे कम होने में कितना समय लगेगा। बाहर जाते समय इमरान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की। अब आने वाली नई सरकार को अपने ही देश में यह दिखाना होगा कि उसका रवैया इमरान जैसा नहीं है। ऐसे में डिप्लोमैटिक स्तर पर नई दिल्ली और इस्लामाबाद की दूरियां कम होने में कुछ वक्त लगता देखा जा सकता है.
क्या होगा अगर शाहबाज पीएम तो?
दोनों देशों के बीच संबंध भी काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करते हैं की उनके नेताओं के बीच संबंधों पर निर्भर करते हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार बताते हैं कि नवाज शरीफ की पार्टी को हमेशा से भारत समर्थक के तौर पर देखा जाता रहा है. चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या नरेंद्र मोदी की, शरीफ के निजी संबंध खराब नहीं रहे। मोदी बने पीएम, तो शरीफ शपथ ग्रहण में शामिल हुए. कभी दिल्ली से शरीफ की मां के लिए साड़ी जाती थी तो कभी मोदी की मां के लिए वहां से स्पेशल साड़ी आती थी. सब कुछ ठीक रहा तो इस बार पाकिस्तान में नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ पीएम बन सकते हैं। ऐसे में विदेश मामलों के विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।
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