यह कैसा कानून का राज,, ”बेटी को गोद में लेकर भटक रहा एक मजबूर बाप…

यह कैसा कानून का राज,, ”बेटी को लेकर भटक रहा बाप

मानवता को शर्मसार करती या तस्वीर लखीमपुर खीरी जिले से आ रही है डीजीपी साहब जरा गौर से देखिए एक बार समझ में ना आए तो बार बार देखिए न्याय की दरकार में एक बाप अपनी बेटी को गोद में उठाए किस तरह से दर-दर भटक रहा है यह तस्वीर आपके लिए मात्र एक तस्वीर होगी लेकिन अंधे और बहरे सिस्टम के जंगलराज की सच्चाई बयां कर रही है.

एक तरफ सुबह के सीएम मिशन शक्ति चलाकर बेटियों को स्वावलंबी बनाने के लिए थानेदार बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी में बेटियों को थाने और चौकियों पर पर न्याय मिलने के बजाय उन्हें दुत्कारआ जा रहा है ऐसे में मिशन शक्ति अभियान मात्र कोरी कल्पना ही साबित हो रहा है.

आपको बता दें थाना धौराहरा क्षेत्र के ग्राम का निवासी ओम प्रकाश अपनी पुत्री को गोद में उठाए पुलिस अधीक्षक कि चौखट पर न्याय की गुहार लेकर आया था. इस दौरान उसने अपना दर्द साझा किया उसके बाद यह तय हो गया लखीमपुर खीरी में थाने चौकियों पर न्याय नहीं मिल रहा है.

दरअसल मामला कुछ इस प्रकार था ओमप्रकाश की 14 वर्षीय बेटी सुदामा विगत 14 तारीख को उस वक्त बुरी तरह घायल हो गई जब वह दबंगों द्वारा अपने चाचा को पीटते देख उनका बचाव करने गई थी. इस दौरान दबंगों ने सुदामा की भी जमकर पिटाई कर दी. जिसके बाद सुदामा थाना धौराहरा पहुंची तो वह दबंगों ने पुलिस अफसरों से मिलकर मामले को वारा न्यारा कराते हुए सिर्फ एनसीआर दर्ज कर कार्यवाही से पल्ला झाड़ लिया.

इधर सुदामा की हालत ज्यादा बिगड़ गई और और उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद कई बार वह थाने पर न्याय की गुहार लेकर पहुंची लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई. जिसके बाद उसका बाप आज न्याय की दरकार में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचा फिलहाल पूरे घटनाक्रम से यह साबित हो रहा है कि थाने और चौकियों पर अभी भी बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है.

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