बंगाल की सियासी लड़ाई हुई हिंसात्मक, शुभेन्दु और ममता के समर्थकों ने उठाया ये कदम…
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और टीएमसी में जमकर गहमागहमी चल रही है. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं. बंगाल की सियासी लड़ाई हिंसात्मक होती जा रही है.
पश्चिम बंगाल(west bengal) में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और टीएमसी में जमकर गहमागहमी चल रही है. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं. बंगाल की सियासी लड़ाई हिंसात्मक होती जा रही है. शुभेन्दु अधिकारी के टीएमसी छोड़ने के बाद अब राजनीति में और उबाल आ गया है. वहीं एक बार फिर से पूर्वी मिदनापुर में शुभेन्दु अधिकारी और ममता बनर्जी के समर्थक आपस में भिड़ गए. मिदनापुर शुभेन्दु अधिकारी का गढ़ माना जाता है. इससे पहले भी अधिकारी ने अपने ऊपर हमले की बात कही थी. जिसके बाद गृह मंत्रालय की तरफ से जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी.
बता दें कि, पिछले हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह बंगाल(west bengal) दौरे पर थे. वहां पर उन्होंने दो दिन रूककर बंगाल(west bengal) में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई और कार्यकर्ताओं को चुनाव से जुड़ी रणनीति समझाई भी. इस दौरे के समय मिदनापुर में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था. जिसमें शुभेन्दु अधिकारी ने बीजेपी की सदस्यता ली थी. इस रैली के दौरान शुभेन्दु अधिकारी के अलावा उनके तमाम समर्थकों ने भी बीजेपी का दामन थामा था.
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गौरतलब है कि, भाजपा हमेशा ये आरोप लगाती है कि, बंगाल(west bengal) में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से जुड़े लोग गुंडागर्दी करते हैं और बीजेपी नेताओं को निशाना बनाते हैं. इसके साथ ही बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या पर सीधे तौर पर टीएमसी के नेताओं पर बीजेपी आरोप लगाती रही है.
इन तमाम आरोपों को लेकर बीजेपी राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी कर चुकी है. अब जबकि राज्य में विधानसभा का चुनावी माहौल गरमा चुका है तो ऐसे में राजनीतिक हिंसाओं की ये घटनाएं कानून व्यवस्था को लेकर जरूर सवाल खड़े करेंगी.
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