वसीम रिजवी का पलटवार- मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने वाले थे ओवैसी के पूर्वज
वसीम रिजवी का पलटवार- मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने वाले थे ओवैसी के पूर्वज
Wasim Rizvi’s counterattack लखनऊ : हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के राम मंदिर पर दिए बयान पर शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने पलटवार किया है। रिजवी ने कहा कि ओवैसी को अब मंदिर-मस्जिद विवाद पर चुप हो जाना चाहिए।
- उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिन लोगों ने मंदिर गिराकर वहां मस्जिद बनाई वे लोग ओवैसी के पूर्वज थे।
- अब ओवैसी को भारत के मुसलामानों को छोड़ देना चाहिए था।
बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर भूमिपूजन पर एक ट्वीट किया था। ओवैसी ने बाबरी मस्जिद और इसके विध्वंस की एक-एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा-बाबरी मस्जिद थी और रहेगी। इशांअल्लाह।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने कहा, कोर्ट का फैसला अन्यायपूर्ण :-
- उधर, एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने कहा,
हमने हमेशा कहा है कि
- बाबरी मस्जिद को कभी भी किसी मंदिर या किसी हिंदू पूजा स्थल को ध्वस्त करके नहीं बनाया गया था।
एक बयान में उन्होंने कहा,
- सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है कि मस्जिद में 22 दिसंबर, 1949 को मूर्तियों को रखना एक गैरकानूनी काम था।
Wasim Rizvi’s counterattack कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी स्वीकार किया है कि:-
- 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक गैरकानूनी, असंवैधानिक और आपराधिक कृत्य था।
- उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों को स्वीकार करने के बावजूद एक बेहद अन्यायपूर्ण फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद की जमीन को उन लोगों को सौंप दिया
- जिन्होंने एक आपराधिक तरीके से मस्जिद में मूर्तियों को रखा था और इस आपराधिक विध्वंस के पक्षकार थे।
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