सदन की कार्यवाही से विपक्ष का वाकआउट…
किसान विधेयक के विरोध में निलंबित सांसदों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन ने नया रुख लिया है आज के सदन की कार्यवाही का सभी विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया जिसके उपरांत धरने पर बैठे सभी निलंबित सांसदों ने धरना समाप्त किया ।
ज्ञातव्य हो कि राज्यसभा में किसान विधायक के विरोध में प्रदर्शन करने के चलते आम आदमी पार्टी के सांसद श्री संजय सिंह सहित 8 सांसदों को निलंबित किया गया था।जिसके उपरांत सभी सदस्य संसद क्षेत्र के अंदर स्थापित गांधी जी की मूर्ति के नीचे धरना प्रदर्शन के लिए बैठ गए थे।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए एक ट्वीट की कड़ी आलोचना की। ज्ञात हो कि धरने पर बैठे सभी सांसदों के लिए उप सभापति श्री हरिवंश जी सुबह अपने घर से चाय लेकर गए थे जिसके लिए प्रधानमंत्री ने उनकी खूब प्रशंसा की और कहा कि यह “चाय” उनकी उदारता का परिचायक है।
सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री जी के ट्वीट के जवाब में वीडियो जारी करके कहा कि यह मुद्दा चाय पीने और पिलाने जितना आसान नहीं है इस मुद्दे को आप चाय पिलाने से मत जोड़िए। यह एक लड़ाई है। देश के करोड़ों किसानों के लिए जिनके पेट और पीठ पर जो लात मारा गया है, उनका जो निवाला छीना गया है यह उसकी लड़ाई है।
उन्होंने आगे कहा की प्रधानमंत्री जी मैं आपका चाय आदर पूर्वक आपको वापस कर रहा हूं और आप देश के करोड़ों किसानों का जो निवाला छीना है उसको वापस कीजिए। उन्होंने यह कहते हुए बात को आगे बढ़ाया की हमारा निलंबन मुद्दा नहीं है.
2 दिन पहले जो भी सदन में हुआ वह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक था। पूरा देश देख रहा था उस दिन भाजपा अल्पमत में थी अकाली दल, बीजेपी टीआरएस शिव सेना एनसीपी कांग्रेस आरजेडी डीएमके सहित आम आदमी पार्टी किसान विधेयक का विरोध कर रही थी, एआईडीएमके सेलेक्ट कमेटी की मांग कर रही थी इन सब की मांगों को नजरअंदाज कर उपसभापति महोदय ने ध्वनि मत से दोनों काले कानून को पारित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने किसानों से यह वादा किया था 1 साल के अंदर फसल की लागत मूल्य से डेढ़ गुने दाम पर फसल खरीदी जाएगी। और फिर बाद में न्यायालय में शपथ पत्र देकर अपने किए वादे से मुकर गई। उन्होंने प्रधानमंत्री जी को संबोधित करते हुए का कि आप की सरकार बार-बार किसानों को धोखा दे रही है उनकी पीठ में छुरा घोंपने का काम कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार आदि पूरे देश का किसान आंदोलित। उनके साथ धोखा हुआ है उनके पेट पर लात मारी गई है उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया है।
ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार द्वारा किसान विधेयक पारित किए गए हैं। इस विधेयक के अनुसार किसानों के फसल को मंडी के बाहर भी खरीदा जा सकता है, जिससे कंपनी और कॉर्पोरेट सेक्टर की निरंकुशता बढ़ जाएगी। जिसके खिलाफ पूरे देश में किसान यूनियन तथा छोटे-मोटे किसानों द्वारा पुरजोर विरोध प्रदर्शित किया जा रहा है पैमाने पर किसान आंदोलन कर रहे हैं।
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