दो दशक के बाद गुफ़ा से निकला ये आदमी, वजह जान के उड़ जायेंगे आपके होश

असल में 70 वर्षीय पेंटा पर्ट्रोविक पुरे 20 साल के बाद सामान्य जीवन में कदम रखा है। उन्होंने दो दशक पहले सामान्य जीवन से दूर छोटी से गुफा में रहने चले गए थे। तब से गुफा ही उनका ठिकाना है।

कोरोना वायरस दुनिया के लिए कितना ज्यादा घातक और जानलेवा है। इस बात की जानकारी सभी को है। भारत में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर ने जो आतंक बरपाया है। उसने सभी को झकझोर के रख दिया है। भारत के अलावा दुनिया के बड़े-बड़े देशों को कोरोना ने अपने घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

फिर चाहें वो दुनिया की सुपर पावर अमेरिका हो या विकसित देश ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश हो। जहां पे कोरोना की तीसरी लहर में अस्पतालों में पेर रखने तक की जगह नहीं थी।

मौजूदा समय में अगर कोई चीज़ हमे कोरोना से बचा सकती है, तो वो है कोरोना वैक्सीन। कोरोना वैक्सीन ही हालिया समय में कोरोना से बचने का एक मात्र इलाज़ है। पर अभी भी दुनिया भर में ऐसे लोग है जोकि कोरोना वैक्सीन को लेने में हिचकिचा रहे है। ऐसे लोगों के लिए सर्बिया के रहने वाले पेंटा पर्ट्रोविक एक बड़ा उदहारण साबित हो रहे है।

असल में 70 वर्षीय पेंटा पर्ट्रोविक पुरे 20 साल के बाद सामान्य जीवन में कदम रखा है। उन्होंने दो दशक पहले सामान्य जीवन से दूर छोटी से गुफा में रहने चले गए थे। तब से गुफा ही उनका ठिकाना है।

गुफ़ा से निकलने के पीछे की वजह पेंटा पर्ट्रोविक ने कोरोना वैक्सीन को बताया है। इतने समय के बाद सूरज की रौशनी सिर्फ उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए देखी है। एक अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटा पर्ट्रोविक पेशे से मजदूर रहे है। उन्होंने शुक्रवार को कोरोना वैक्सीन की अपनी पहली डोज ली।

इस मौके पर उन्होंने लोगों से भी जल्द से जल्द टीका लगवाने की अपील की पेंटा ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा क्यों रहे हैं। मैं सभी से अपील करता हूं कि मेरी तरह आगे आएं और वैक्सीन लें’

आप लोगो को जानकर हैरानी होगी कि पेंटा पर्ट्रोविक का बेस्ट फ्रेंड एक जंगली सूअर है। जिसका नाम पेंटा ने मारा रखा है। इसके अलावा, पर्ट्रोविक के दोस्तों में बकरी और मुर्गे भी शामिल हैं। पर्ट्रोविक को लोगों के बीच आना ज्यादा पसंद नहीं है, वो अपना पूरा समय बेजुबानों के साथ ही बिताते हैं।

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