हाथरस : पीड़िता का गांव छावनी में तब्दील, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात, लगी धारा 144
हाथरस में पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही पूरे गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही जिले में धारा 144 लागू लगा दी गई है।
हाथरस (Hathras )में पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही पूरे गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही जिले में धारा 144 लागू लगा दी गई है। इतना ही नहीं गांव में बाहरी लोगों पर 31अक्टूबर तक गांव में आने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उसकी मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी
जिसने भी हाथरस मामले के बारे में सुना उसकी रूह काँप गई। किसी भी शख्स को ये यकीन नहीं था कि इंसानियत इतनी नीचे तक भी गिर सकती है। आएं दिन आ रहे इस मामले के नए नए खुलासों में एक और नया खुलासा जुड़ गया है। पीड़िता की पोस्टमॉर्टेम और फॉरेंसिक रिपोर्ट इस मामले पर कुछ अलग ही कहानी बयान कर रही है। पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट की माने तो,पीड़िता का रेप नहीं हुआ था, बल्कि उसकी मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी।
ऐसे में अब आगे की जांच जारी है
यही नहीं रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार ने भी इस बात का दवा किया है कि,पीड़िता के शरीर में कोई स्पर्म भी नहीं मिला है, जो रेप की पुष्टि करता हो। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट से सिद्ध होता है कि पीड़िता का रेप नहीं हुआ था, ऐसे में अब आगे की जांच जारी है।
रिपोर्ट में रेप की पुष्टि तो नहीं हुई है लेकिन पीड़िता के साथ काफी क्रूरता की गई है इस बात की पुष्टि हुई है। काफी दरिंदगी की वजह से उसके शरीर में अलग अलग जगहों में काफी गहरे निशान है।
बता दे कि, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के फॉरेंसिक हेड बीएन. मिश्रा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को परखा। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न का जिक्र नहीं है, लेकिन पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को नुकसान हुआ था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हड्डी टूटने, शरीर में इन्फेक्शन होने के कारण पीड़िता की मौत हो गई।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा:
पीड़िता के शरीर पर जो चोट के निशान थे, उन्होंने सड़ना शुरू कर दिया था। ये इन्फेक्शन का परिणाम है जो कि किसी की जान भी ले सकता है।
पीड़िता की गर्दन पर चोट का निशान था, ऐसे में पीड़िता के गले को दबाने की कई बार कोशिश की गई थी।
पीड़िता के मरने से पहले ही उसकी गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी. पीड़िता की शरीर की कुछ हड्डियां पूरी तरह टूट चुकी थीं और कुछ ने काम करना बंद किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पीड़िता के विसरा को प्रिजर्व किया गया था, ताकि मौत के कारणों का पता लग सके. बाद में सिद्ध हुआ कि मौत हार्ट अटैक से हुई थी।
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