Vikas Dubey Case: उज्जैन में मिले वकील मनोज यादव का नहीं निकला विकास दुबे से कनेक्शन, STF ने दी क्लीन चिट
लखनऊ. 8 पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उज्जैन के महाकाल मंदिर में विकास दुबे की गिरफ्तारी के दौरान लखनऊ के नबंर की मिली गाड़ी को लेकर शुरु हुई अब छानबीन अब खत्म हो गई है। बताया जा रहा है, वह कार लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी अधिवक्ता मनोज यादव की थी। एसटीएफ की पड़ताल में मनोज यादव का विकास दुबे से कोई कनेक्शन नहीं निकला। जिसके बाद एसटीएफ ने मनोज को क्लीन चिट दे दी।
छानबीन में सामने आया है कि मनोज यादव अपने साथी अधिवक्ता के साथ दो जुलाई को शिवपुरी मध्य प्रदेश के लिए निकले थे। मनोज प्लांटेशन का काम करते हैं। इनकी कंपनी प्रयागराज और वाराणसी में भी काम करती है। काम के सिलसिले में शिवपुरी से वह उज्जैन चले गए थे, जहां लखनऊ नंबर की गाड़ी देख कर मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। काफी देर तक चली पूछताछ में मनोज व उनके साथी का विकास दुबे से कोई संबंध नहीं निकला। इसके बाद दोनों को उज्जैन पुलिस ने छोड़ दिया।
मनोज व उनके साथी के लखनऊ आने के बाद एसटीएफ ने नए सिरे से छानबीन शुरू की, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद राजधानी पुलिस व एसटीएफ ने मनोज व उनके साथी को क्लीन चिट दे दिया।
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