कृषि कानून: विज्ञान भवन में जारी बैठक में सरकार ने किसानों को दिया ये प्रस्ताव…
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत चल रही है।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे आंदोलनकारी किसानों (Farmers) और सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत चल रही है। विज्ञान भवन में आयोजित किसानों और सरकार के बीच वार्ता का दौर लगातार जारी है, जो कि करीब तीन घंटे से चल रही है।
सरकार ने दी समिति बनाने का प्रस्ताव
वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेगी। ऐसे में इस बैठक पर भी ग्रहण लगते दिखाई दे रहा है। वहीं सूत्रों के हवाले में यह जानकारी भी मिल रही है कि सरकार ने किसान नेताओं से कहा कि तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति का गठन किया जा सकता है। इस बैठक में सरकार ने कानूनों से जुड़ी जानकारी दी और साथ ही कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है।
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बता दें कि इससे पहले विज्ञान भवन में वार्ता के बीच मंत्रियों ने किसानों (farmers) के साथ लंगर खाया था। वहीं, विज्ञान भवन के बाहर किसानों ने भी लंगर लगाकर आंदोलनकारियों को लंगर खिलाया। हर बार की तरह इस बार भी किसान अपने साथ अपना भोजन लेकर गए थे।
7वें दौर की बैठक जारी
किसान (farmers) संगठनों के साथ सरकार की आज(30 दिसंबर) को 7वें दौर की बैठक शुरू हो गई है। ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है। इस बैठक में सरकार की तरफ से कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश ने बताया था कि उन्हें उम्मीद है आज ही किसान (farmers) आंदोलन खत्म हो जाएगा। सरकार किसानों (farmers) के साथ खुले मन से बात करने के लिए आगे आई है और पहले भी करती रही है. किसानों की तरफ से जो भी सुझाव आएंगे उसपर विचार किया जाएगा।
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किसानों (farmers) की ओर से सरकार के साथ चर्चा करने से पहले ही एक जवाब भेजा गया था, जिसमें किसानों ने कहा था कि वो अपने निश्चित चार मुद्दों पर ही चर्चा करना चाहते हैं, जिनमें कृषि कानून के वापसी के तरीके, बिजली बिल से जुड़े कानून की वापसी, एनसीआर में प्रदूषण को लेकर बिल पर चर्चा और पक्की एमएसपी पर बात करेंगे।
किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कही ये बड़ी बात…
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि, जो लोग किसानों को बरगला रहे हैं, वो लोग खेती के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में वो खुद जानते हैं, क्योंकि वो एक किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा कि, सरकार किसानों के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है। नए कानून किसानों के हित को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। अगर इन कानूनों से किसी को दिक्कत है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
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वहीं, किसान (FARMERS) नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait) का कहना है कि, सरकार कानून वापस नहीं लेती है तो ये आंदोलन चलता रहेगा। क्योंकि संसोधन से बात नहीं बनेगी। बात सिर्फ कानून वापस लेने पर ही बनेगी। वहीं सरकार के साथ होने वाली बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने शामिल होने से एक दिन पहले ही इंकार कर दिया था। किसान संगठन का कहना था कि, सरकार के पास कोई ठोस प्लान नहीं है, जिसपर बात की जा सके। हर बार बैठक होती है और नतीजा कुछ भी नहीं निकलता है। ऐसे में इस तरह की बैठक का कोई फायदा नहीं है।
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