घर-घर ढूंढें जा रहे अपात्र राशनकार्ड धारक, कार्ड होंगे निरस्त, होगी वसूली, पढ़ें पात्रता नियम
सरकार की तरफ से रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोगों का राशन कार्ड बनाने की मुहिम चला रही है.
कोविड-19 के चलते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक दिक्कतों का सामना रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोगों को करना पड़ा. हालांकि कोई भुखमरी का शिकार न ही इसके लिए सरकार ने इस दौरान माह में दो बार राशन का निःशुल्क वितरण कराया. अब जब धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है, तो सरकार की तरफ से रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोगों का राशन कार्ड बनाने की मुहिम चला रही है. इनमें पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों की पड़ताल व उन्हें मिलने वाली सुविधा की खोज भी शामिल है. समाज के गरीब व कमजोर वर्ग जो कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं, उनके लिए खाद्य एवं रसद विभाग, पात्र गृहस्थी राशनकार्ड बनाकर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिला रहा है.
गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
बताते चलें कि इसे लेकर शासन की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है, लेकिन शासन की गाइडलाइन को दरकिनार कर लाखों की आय वाले भी पात्र गृहस्थी परिवार का लाभ ले रहे हैं. जो परिवार बिना पात्रता के राशन ले रहे हैं, ऐसे परिवारों को चिन्हित करने की कवायद तेज हो गई है. शासन ने वर्ष 2016 में गाइडलाइन जारी की थी कि दो लाख तक या उससे अधिक आय वाले पात्र गृहस्थी परिवारों को मिलने वाली सुविधा से वंचित किया जाएगा. विभाग ने कई बार सत्यापन भी कराया लेकिन अभी भी हजारों परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
योजना से होंगे वंचित
ऐसे परिवारों की आय प्रमाणित करने का कोई ठोस आधार ही नहीं बन सका. पूर्ति विभाग की ओर से कई बार सत्यापन कराने का कार्य किया गया है. शिकायत पर कुछ परिवारों के राशन कार्ड निरस्त किए गए लेकिन अभी भी सैकड़ों अपात्र परिवार इस योजना का लाभ ले रहे हैं. क्योंकि ऐसे परिवारों की आय प्रमाणित कराने का कोई उपाय ही नहीं किया गया. जिससे अपात्रों को इस योजना का लाभ पाने से वंचित किया जा सके.
सर्वे शुरू
प्रदेश में इसकी गतिविधि तेज हो गई है, इसकी शुरुआत प्रदेश के फतेहपुर से हो चुकी है. यहाँ डोर टू डोर राशनकार्ड धारकों का सत्यापन शुरू हो गया है. जिले में 5 लाख 11 हजार राशनकार्ड धारक हैं, जिसमें 36 हजार 789 अंत्योदय कार्डधारक भी शामिल हैं. शासन का निर्देश है कि अपात्रों को चिन्हित कर उनके कार्डों को निरस्त किया जाए और खाद्यान्न की रिकवरी कराई जाए. जिस पर डीएसओ के निर्देश पर पात्र गृहस्थी के पात्रों का फिर से सर्वे शुरू कर दिया है.
ये हैं नियम
सरकारी गाइडलाइन की बात करें तो शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय सीमा तीन लाख रुपए है और कार्डधारक के पास से चार पहिया गाड़ी, तीन मंजिला मकान के साथ डबल शस्त्र लाइसेंस न हो. ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय सीमा दो लाख रुपए है, इसी के साथ 10 बीघा सिचित भूमि न हो, ट्रैक्टर व चार पहिया गाड़ी के साथ डबल शस्त्र लाइसेंस नहीं होना चाहिए.
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