वास्तु शास्त्र: भूलकर भी इन पांच जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए
हिंदू धर्म के शास्त्र पवित्र शास्त्रों में से एक माना जाता है। कहते है कि शास्त्रों में बताई हर बात को मानने से व्यक्ति को कभी भी असफलता नहीं मिलती है।
हिंदू धर्म के शास्त्र पवित्र शास्त्रों में से एक माना जाता है। कहते है कि शास्त्रों में बताई हर बात को मानने से व्यक्ति को कभी भी असफलता नहीं मिलती है। इन शास्त्रों में 5 कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताया गया है, जो कि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। उन जगहों पर भूलकर भी जूते-चप्पल (shoes and slippers) पहनकर नहीं जाना चाहिए। तो आइए जानते है कौन सी है वो जगह।
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1. रसोई घर –
रसोई घर में भूलकर भी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। कहते है ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज होती हैं और जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
2. मंदिर –
मंदिर को भगवान का घर माना जाता है। मंदिर में गसती से भी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर जाने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं।
3. तिजोरी के पास –
तिजोरी के पास में जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। कहते हैं कि तिजोरी को जूते-चप्पल पहनकर खोलने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
4. भंडार घर –
शास्त्र के अनुसार, कभी भी भंडार घर में जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। ऐसा न करने से घर में अन्न की कमी होती है।
5. पवित्र नदी –
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पवित्र नदी के पास भूलकर भी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। और नदियों में स्नान करने से पहले जूते-चप्पल निकाल देनी चाहिए।
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