मंडी परिषद के डीडीसी ने अपने अधिकारियों के ख़िलाफ़ लिखाई रिपोर्ट

THE UP KHABAR 

Varanasi :  मंडी परिषद् के उप निर्देशक, निर्माण डीडीसी ने अपने ही वरिष्ठ दो अधिकारियो के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवा दी है, दर्ज करै गई एफआईआर सपा शाशन के वक्त हुए करोड़ो के निर्माण कार्यो में हुए घोटालों से सम्बंदित है।

एफआईआर दर्ज करने वाले डीडीसी ने एफआईआर दर्ज करवाने से पहले मुखयाला से इजाज़त तक नहीं ली, जब की नियमों की माने तो ऐसा जिया जाना अनिवाय है।

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आप को बता दें इस पूरे मामले में उच्चस्तर ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और डीडीसी को चतरशीट देकर अफसरों के खिलाफ चल रही सभी जांचों को शीघ्रता से करने का फैसला लिया है।

साल 2016 में वाराणसी की मंडी के निर्माण के लिए 20.12 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी, बिड से आठ अलग अलग ब्रांड के तहत पांच ठेकेदारों को यह काम 19.72 करोड़ रुपए में दिया गया था और बिना कोई काम कराये ठेकेदार को 3 करोड़ रुपए एडवांस में दे दिए गए थे।

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जबकि बिना काम कराए एडवांस भुगतान का कोई नियम नहीं है इसके बाद जब लंबे समय तक ठेकेदारों ने कोई भी काम नहीं किया तो मुख्यालय से जांच कराई गई.

काम ना कराने वाले ठेकेदारों और भुगतान करने वाले तत्कालीन प्रभारी उप निर्देशक निर्माण आर के वर्मा विमलेश चंद्र मिश्रा सहायक लेखा अधिकारी सिद्ध गोपाल कुरील और अवर अभियंता अखिलेश्वर लाल श्रीवास्तव व सुनीता के खिलाफ एफ आई आर के आदेश दे दिए गए थे

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