लखनऊ : यूपी पुलिस कि सख़्ती से उत्तर प्रदेश के माफियाओं की हालत हुई पतली
प्रदेश में संगठित माफियाओ पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार भरसक प्रयास कर रही है।
प्रदेश में संगठित माफियाओ पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार भरसक प्रयास कर रही है। कई माफिया सलाखों के पीछे हैं और उनकी अवैध संपत्तियां ध्वस्त कर दी गईं हैं। मुख्तार अंसारी, सुंदर भाटी और अब अतीक अहमद के खिलाफ हुई कड़ी कार्रवाई ने इन तमाम असामाजिक लोगों को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अपराधी या तो जेल में रहें या प्रदेश छोड़ दें अन्यथा ऊपर जाने को तैयार रहें। वर्तमान में साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने अपने वकील के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज की अदालत में हाजिरी लगाने की अर्ज़ी दी है। जिसमें अतीक ने किडनी की समस्याओं, उच्च रक्तचाप और शुगर सहित विभिन्न बीमारियों का हवाला दिया है। साथ ही अतीक ने अहमदाबाद और प्रयागराज के बीच 1450 किमी की दूरी का जिक्र किया है। जाहिर है, यह योगी की पुलिस कार्रवाई के मद्देनजर उनका डर है।
गौरतलब है कि पिछले महीने प्रयागराज के जिला प्रशासन ने अतीक अहमद के सहयोगियों की अवैध संपत्तियों को ज़मींदोज़ कर दिया था। जिसमें अतीक के गुर्गे भुट्टो के दो मंजिला लॉज और अरशद और कम्मू के घर शामिल थे, ये सभी अवैध रूप से सरकारी भूमि पर बनाए गए थे। अतीक अहमद का 30 करोड़ रुपये से अधिक का एक अवैध घर था, जिसे अधिकारियों ने सितंबर में प्रयागराज में ध्वस्त कर दिया था। साथ ही 39.80 करोड़ रुपये की संपत्ति भी ज़ब्त कर दी गई थी।
अहमद के अलावा, प्रदेश सरकार माफिया मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों पर भी शिकंजा कसने में कामयाब हुई है। पिछले साल अगस्त में, मुख्तार का एक साथी, 2005 के भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय की हत्या के आरोपी राकेश पांडेय लखनऊ में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। अंसारी गिरोह के अलावा, 17 अन्य माफियाओं की पहचान कर आगे की कार्रवाई के लिए चिह्नित किया गया है और इनमें तीन शराब माफिया, तीन गौ तस्कर और अन्य आपराधिक माफिया शामिल हैं।
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