लखनऊ :- उत्तर प्रदेश सरकार का छात्रों के प्रति रवैया बेहद उदासीन : वंशराज दुबे (आप छात्र विंग प्रदेश अध्यक्ष)

लखनऊ :- कोरोना की वैश्विक महामारी में देशभर में हुए लॉकडाउन से समाज के कई वर्ग का संतुलन बिगड़ गया है , मामला उत्तर प्रदेश के छात्रों से जुड़ा है, लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के रूम का किराया और विश्वविद्यालय की फीस जमा करने का प्रेशर बढ़ने लगा तो छात्रों का रोष फूट पड़ा। सोमवार सुबह छात्र सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए।

विश्वविद्यालय के छात्र बड़ी संख्या में उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा के आवास के सामने धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। 

आम आदमी पार्टी, छात्र विंग (सीवाईएसएस) उत्तर प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने मामले को संज्ञान में आते ही अपने ट्वीटर हैंडल से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में ट्वीट कर प्रदेश सरकार को घेरते हुए छात्रों के हितों के प्रति उदासीन बताया।
प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने कहा कि ,’ लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों का, जायज़ मांगो को लेकर उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षामंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन अत्यंत जरूरी था। सरकार, प्रदेशभर के छात्र हितों के इन अति महत्वपूर्ण मांगो पर मौन साध रखी है। छात्रों के प्रति उदासीनता बर्दाश्त नही होगी’।

बता दे कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि  विश्वविद्यालय के तमाम छात्र सामान्य बेहद गरीब परिवार से हैं। इस स्थिति में किराए पर लिए गए कमरे तथा विश्वविद्यालय की फीस अदायगी में असमर्थ है और अपनी फीस माफी की मांग भी की है। छात्रों का कहना है कोरोना संक्रमण के कारण छात्र अपने-अपने घर चले गए थे इस कारण पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में इस शैक्षणिक सत्र में उन्हें प्रमोट कर दिया जाना चाहिए।

‘आप’ छात्र विंग उत्तर प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने चेतवानी देते हुए कहा कि, अगर सरकार छात्रों की बेहद अहम मांगो पर एक सप्ताह में कोई भी आदेश नही करती है तो, सीवाईएसएस छात्रों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में एक बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर होगी।

बता दे कि इससे पहले बीते माह में आम आदमी पार्टी छात्र विंग उत्तर प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे के नेतृत्व में प्रदेसभर से छात्रों के प्रमोट करे जाने के सम्बंध में सभी जिला मुख्यालय से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया था। तथा दूसरी बार ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले छात्रों की फ़ीस माफ़ी की सरकार से गुहार लगाई थी।

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