प्रयागराज : भू-माफियाओं ने प्रशासन की नाक के नीचे नदी पे बना डाला पुल, देखते रहे गए उच्च अधिकारी

जरूरी मानकों की अनदेखी करते हुए बनवाये गए इस पुल की हालत अच्छी नहीं है। ये पल काफ़ी कमज़ोर है और इससे गुजरने वाले लोगों की ज़िंदगी कभी भी खतरे में पड़ सकती है।

प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है तब से योगी प्रशासन ने भू-माफियाओं के ख़िलाफ़ अभियान चला रखा है। जिला प्रशासन उन सभी सरकारी जमीनों को बाहुबलियों और भू-माफियाओं के कब्ज़े से छुड़ाने के काम पे जोर शोर से लगी हुई है। इसके बावजूद संगम नगरी प्रयागराज में भू-माफियाओं को योगी प्रशासन का जरा सा भी डर नहीं है। संगम नगरी में तो भू-माफियाओं ने एक कदम आगे बढ़ते हुए नदी पर प्राइवेट पुल ही बनाकर सबको हैरान कर दिया है।

असल में ये पूरा मामला पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के करीबी कहे जाने वाले भू माफिया गुल बहार उर्फ़ गुलबदन के द्वारा नदी पर बनवाये गए एक प्राइवेट पुल की वजह से शुरू हुआ है। गुलबदन ने यहां पे करीब 37 बीघा ज़मीन पर प्लाटिंग कर रहा है. उसने अपनी ज़मीनों के साथ बगल से गुजरने वाली ससुर खदेरी नदी के कछारी इलाकों यानी नदी के किनारे की सरकारी ज़मीनों पर रोलर चलवाकर उसे ना सिर्फ समतल करा दिया, बल्कि अपनी ज़मीन में मिला भी लिया।

जरूरी मानकों की अनदेखी करते हुए बनवाये गए इस पुल की हालत अच्छी नहीं है। ये पल काफ़ी कमज़ोर है और इससे गुजरने वाले लोगों की ज़िंदगी कभी भी खतरे में पड़ सकती है।

अफसरों के नाक के नीचे बना पुल

झलवा इलाके के देवघाट के इस मामले की खबर जब अफसरों को लगी तो उनके तो होश ही उड़ गए। सरकारी अमले में हड़कंप मच गया है। देर से सो के उठे सरकारी अमले ने इस मामले में अब भू माफिया गुल बहार उर्फ़ गुलबदन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अफसरों का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच के बाद ना सिर्फ मिलीभगत या लापरवाही करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि नदी पर अवैध तरीके से बनाए गए पुल को तोड़ा भी जाएगा।

बिना सरकारी मदद के इतना बड़ा काम करना मुमकिन नहीं

भू-माफियाओं गुलबदन के द्वारा बनाये गए पुल को लेकर अब नई बात निकल कर सामने आयी है। जिसमे ये बताया जा रहा है कि एक प्राइवेट पुल बनाए जाने का काम सरकारी अमले की मिलीभगत के बिना कतई मुमकिन ही नहीं है। जिसके बाद अब वहां का जिला प्रशासन भी संदेह के घेरे में है।

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