यूपी चुनाव 2022 : सुस्त विपक्ष.. चुनावी जंग अखिलेश और बीजेपी के बीच सिमट गई है !

बंगाल चुनाव का वो मंजर याद है आपको ! जब मंच से पीएम नरेंद्र मोदी सीएम ममता बनर्जी को दीदी ओ दीदी.. बुला रहे थे। ये ठीक वैसा ही था जैसे सड़क पर लड़के किसी लड़की को छेड़ने के लिए शैली का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ममता दी ने इसके बदले में 'खेला होबे' का नारा दिया और बंगाल विजय भी किया।

लखनऊ : बंगाल चुनाव का वो मंजर याद है आपको ! जब मंच से पीएम नरेंद्र मोदी सीएम ममता बनर्जी को दीदी ओ दीदी.. बुला रहे थे। ये ठीक वैसा ही था जैसे सड़क पर लड़के किसी लड़की को छेड़ने के लिए शैली का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ममता दी ने इसके बदले में ‘खेला होबे’ का नारा दिया और बंगाल विजय भी किया। ये तब था जब देश का पीएम चुनावी बागदौड़ को अपने हाथ में लिए हुए था। मोदी के साथ ही पूरी बीजेपी ने ताकत झोंक रखी थी। अब आप सोच रहे होंगे कि ये हम आपको किस लिए याद दिला रहे हैं। दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव का भी हाल कुछ ऐसा ही नजर आने लगा है।

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Akhilesh Yadav

यूपी में विपक्ष के नाम पर सपा, बसपा, काँग्रेस सभी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रैली जो जन समंदर हिलोरे लेता नजर आता है वो फिलहाल बदलाव की आहट सुना रहा है। जबकि काँग्रेस और बसपा की रैलियों में वो असर नजर नहीं आता। बीजेपी हाईकमान इस आहट को बहुत पहले ही भांप चुका है और उनके निशाने पर ज्यादा से ज्यादा अखिलेश और समाजवादी पार्टी ही है। अखिलेश और सपा पर हमले तेज हो चुके हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ सहित हर छोटा बड़ा नेता अखिलेश को घेरने का काम कर रहा है। सपा नेताओं के खिलाफ इनकम टैक्स की रेड ने आम मतदाता को ये संदेश दिया कि बीजेपी सीधा ना लड़ के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सामने ला रही है।

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PM Modi

आपको बात दें, यूपी में ये जो कुछ भी हो रहा है, जिस तरह से बीजेपी नेता सपा और अखिलेश को लेकिन तंज कस रहे उसे आम मतदाता सीधा बंगाल और ममता से जोड़ रहा है। यूपी में पश्चिम से पूर्वांचल और अवध तक समाजवादी बयार बह रही है। यही आलम रहा तो सूबे में अगली सरकार समाजवादी पार्टी की ही आ रही है।

Varanasi

जो भी इस समय यूपी पर नजर रख रहा है उसे ये समझ या रहा है कि ये चुनाव सिर्फ और सिर्फ सपा और बीजेपी के मध्य सिमट चुका है। बाकी के दल सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं। अखिलेश सुभासपा, एनसीपी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), आरएलडी, अपना दल, पीएसपी और महान दल से समझौता कर चुके हैं। ये सपा की चुनावी बढ़त को दिखाता नजर या रहा है।

जिस दिन चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर देगा ये चुनावी जंग और तेज हो जाएगी। नेता अपनी जुबानी जंग को धार देने लगेंगे। बीजेपी में चुनावी कमान पीएम मोदी अपने हाथ में ले लेंगे। उस समय ये चुनाव सिर्फ और सिर्फ मोदी और अखिलेश तक सिमट कर रह जाने वाला है।

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