यूपी चुनाव 2022: भगवान परशुराम की प्रतिमा पर मचा सियासी बवाल, रण में ब्राह्मण किधर !

यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता संतोष पांडे राष्ट्रीय अध्यक्ष परशुराम चेतना पीठ के द्वारा कुछ समय पहले ऐलान किया गया था, कि समाजवादी पार्टी परशुराम प्रतिमा लगाएगी।

लखनऊ : यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता संतोष पांडे व राष्ट्रीय अध्यक्ष परशुराम चेतना पीठ के द्वारा कुछ समय पहले ऐलान किया गया था, कि समाजवादी पार्टी परशुराम प्रतिमा लगाएगी। ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा करके ही समाजवादी पार्टी ने कहीं न कहीं ब्राह्मणों को साधने का नया दांव खेल दिया था। हाल ही में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास गोसाईगंज इलाके में परशुराम प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। बहुत जल्द समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा सपा नेता का उत्पीड़न शुरू हो गया है और उत्तर प्रदेश में शुरू हो गया है भगवान परशुराम को लेकर सियासी बवाल।

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यूपी चुनाव में भगवान परशुराम इस वजह से राजनीति के केंद्र बिंदु है। क्योंकि समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए और ब्राह्मणों को अपने साथ लाने के लिए परशुराम प्रतिमा लगा रही है और इसका जिम्मा सौंपा गया है सपा के नेता और पूर्व विधायक संतोष पांडे को इसी कारण से बीजेपी को कहीं ना कहीं और लग रहा है। परशुराम प्रतिमा स्थापित करने के बाद ब्राह्मण बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ जाएगा। जिससे बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा इसीलिए कल संतोष पांडे नेता समाजवादी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जब से प्रतिमा लगाई गई है। तब से प्रशासन बीजेपी के नेताओं के इशारे पर उनके ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उत्पीड़न कर रहा है।

सपा नेता ने कहा कि बहुत जल्द अखिलेश यादव जी मूर्ति का अनावरण करेंगे मूर्ति की स्थापना हो गई है। जिससे भारतीय जनता पार्टी बेचैन है और भारतीय जनता पार्टी को पता है कि पीड़ित और उत्पीड़न का शिकार ब्राह्मण समाज इस बार समाजवादी पार्टी की अगुवाई में सरकार बनाएगा और सरकार बनाने में बड़ा सहयोग करेगा। जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के लोग उत्पीड़न कर रहे हैं।

वहीं बीजेपी आरोपों का जवाब देने के बजाय खुद को ब्राम्हण हितैषी बताकर पल्ला झाड़ना चाहती है। बीजेपी का कहना है कि सपा शासनकाल में ब्राह्मणों के साथ अत्याचार हुआ लेकिन जिस तरह से बीजेपी के शासन काल में ब्राह्मणों के उत्पीड़न की बात सामने आई है। ऐसा सपा सरकार में नहीं हुआ था। भारतीय जनता पार्टी बेचैन है और लगातार इस सवाल का जवाब ढूंढने में व्यस्त है कि आखिर ब्राह्मण नाराज क्यों है।

रिपोर्ट – अभिषेक शर्मा

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