यूपी का रण : इस सीट पर बीजेपी 25 सालों से तरस रही जीत को.. मोदी लहर भी बेकार
1993 में सपा ने पुरवा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद लगातार 5 चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई। पुरवा सपा की मजबूत सीट मानी जाती है।
लखनऊ : कटेहरी सीट की तरह ही उन्नाव की पुरवा विधानसभा भी भाजपा के लिए अबूझ पहेली बनी है। यहां अभी तक 17 चुनाव हो हुए हैं, लेकिन पार्टी का खाता नहीं खुला है। मोदी लहर जब 2017 में चली तो भी पुरवा पर बसपा ने जीत दर्ज की। पुरवा ने कांग्रेस और सपा को पांच-पांच बार जिताकर विधानसभा भेजा। दोनों दलों ने 25-25 साल सीट पर कब्जा बनाए रखा। बीजेपी रनर तो रही है, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई। 2017 में बसपा के टिकट पर जीते अनिल सिंह ने जीत हासिल की वर्तमान में अनिल भाजपा में हैं।
1993 में सपा ने पुरवा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद लगातार 5 चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई। पुरवा सपा की मजबूत सीट मानी जाती है।
आपको बात दें, सपा मुखिया मुलायम सिंह विधानसभा चुनाव में अपनी पहली चुनावी रैली की शुरुआत यहीं से करते रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष भाजपा विधायक हृदय नारायण दीक्षित ने वर्ष 1985 में यहां से निर्दलीय जीत दर्ज की थी।
वर्ष विधायक दल
1951 रामधीन सिंह कांग्रेस
1957 परमेश्वरदीन वर्मा निर्दलीय
1962 रामाधीन सिंह कांग्रेस
1967 लाखन भारतीय जनसंघ
1969 दुलारेलाल कांग्रेस
1974 गया सिंह कांग्रेस
1977 चंद्रभूषण जनता पार्टी
1980 गया सिंह कांग्रेस
1985 हृदय नारायण दीक्षित निर्दलीय
1989 हृदय नारायण दीक्षित जनता दल
1991 हृदय नारायण दीक्षित जनता पार्टी
1993 हृदय नारायण दीक्षित सपा
1996 उदयराज यादव सपा
2002 उदयराज यादव सपा
2007 उदयराज यादव सपा
2012 उदयराज यादव सपा
2017 अनिल सिंह बसपा
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