क्या बात कर रहे हैं ! योगी का ये मंत्री बनाएगा अखिलेश को ‘यूपी का सीएम’
मौर्य सूबे में ओबीसी वोटर्स में खासा पकड़ रखें हुए हैं। कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक हैं, रायबरेली, शाहजहांपुर और बदायूं में उनकी हर सीट पर जमीनी पकड़ है।
लखनऊ : यूपी में सात चरणों के चुनाव में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा। उम्मीदवारों के नामों पर दलों में माथापच्ची शुरू हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक सत्ताधारी भाजपा अपने लगभग 150 विधायकों के टिकट काटेगी। इसके बाद से पार्टी में घमासान मची हुई है।
आपको बता दें, भाजपा छोड़ने वाले काफी नेता पिछड़े वर्ग से आते हैं। ये वही हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में योगी सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल करने में मदद दी थी। इस चुनाव में यदि कोई ध्रुवीकरण नहीं हुआ तो ऐसे में मतदान जाति के आधार पर होगा और मुकाबला सपा के साथ 50/50 का हो जाएगा।
फिलहाल ये तो रही चुनावी गणित की बात, करते हैं अब मुद्दे की बात
कहा जाता है कि नेता और नौकरशाह पहले ही भांप लेते हैं कि सरकार अगली किसकी होगी। इसे सही माने तो यूपी में समाजवादी सरकार आ रही है, क्योंकि पाला बदलने वाले सपा की शरण में जा रहे हैं। पिछले चुनाव में हाथी से उतर कमल थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में सूचना है कि वो अब समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले हैं। तो हम इस सवाल का जवाब खोजने वाले हैं कि आखिर इससे किसे फायदा होगा और किसे नुकसान होने वाला है?
मौर्य सूबे में ओबीसी वोटर्स में खासा पकड़ रखें हुए हैं। कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक हैं, रायबरेली, शाहजहांपुर और बदायूं में उनकी हर सीट पर जमीनी पकड़ है। इन इलाकों में करीब सौ विधानसभा सीट हैं। जहां मौर्य के सपा में जाने के बाद सपा मजबूत होगी और बीजेपी कमजोर।
आपको बता दें, मौर्य की बेटी संघमित्रा बदायूं से सांसद हैं। ऐसे में सपा को एक सांसद भी मिलने जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने पर यूपी का 8 फीसदी काछी, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी जैसे भी सपा में जा सकता है। हालांकि, ये फिलहाल एकजुट नजर नहीं आ रहा है। हां, मौर्य के सपा में आने के बाद ये कुछ वोटर्स सपा के साथ गए तो सपा को सरकार बनाने से कोई रोक भी नहीं सकता।
मौर्य के बाद पिछड़ी जातियों के कई और विधायक सपा में जाने को बेकरार हैं। मौर्य यदि सपा में जाते हैं तो सपा और मौर्य दोनों को फायदा होगा। जहां सपा को एक बड़ा गैर यादव चेहरा मिलेगा वहीँ मौर्य एक बार फिर सरकार बनने के बाद सेकेंड टू सीएम बने नजर आएंगे।
फिलहाल किसे कितना फायदा होगा ये तो समय ही तय करेगा। लेकिन अभी चुनाव काफी दिलचस्प मोड़ पर है। देखना ये होगा कि चुनाव बाद कौन किस शाख पर बैठा नजर आता है।
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