UP ELECTION 2022: जानें क्या है Exit Poll ? कब हुआ पास कब हुआ फेल.. ये रही पूरी ABCD

एग्जिट पोल का सिलसिला शुरू हो गया है इन पोल्स के जरिए ये बताने की कोशिश हुई कि किस राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाने जा रही है या कितनी सीटें जीत रही है।

UP ELECTION 2022:उत्तर प्रदेश में 7वें और आखिरी फेज की वोटिंग खत्म होने के साथ ही 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी खत्म हो गए. इसके बाद अब अलग-अलग चैनल और एजेंसियों के एग्जिट पोल का सिलसिला शुरू हो गया है इन पोल्स के जरिए ये बताने की कोशिश हुई कि किस राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाने जा रही है या कितनी सीटें जीत रही है।

हम आपको पिछले कुछ चुनावों के रिजल्ट और एग्जिट पोल के आंकड़े बताने जा रहे हैं। इससे आप समझ पाएंगे कि ये पोल कितना सही होता है? क्या इनमें किए गए दावों में कुछ हकीकत होती है या नहीं? ये कितने सही और सटीक होते हैं ? चलिए इसकी पड़ताल करते हैं

जानें क्या है Exit Poll और Opinion Poll ? ये रही पूरी ABCD

एग्जिट पोल को मतदाताओं के जवाब के आधार पर तैयार किया जाता है। मतदाता जब अपना वोट डालने के बाद पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो उससे न्यूज चैनल और सर्वे एजेंसियां वोटिंग को लेकर सवाल करती हैं। मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी को अपना वोट दिया है। मतदाताओं के जवाबों को सर्वे एजेंसियां इकट्ठा करती हैं और उसके बाद एग्जिट पोल का प्रसारण किया जाता है। हजारों मतदाताओं से सवाल पूछकर आंकड़े जुटाए जाते हैं और एनालिसिस करके वोट प्रतिशत और सीटों का अनुमान लगाया जाता है। कई बार ये एग्जिट पोल सटीक साबित होते हैं और कई बार गलत भी साबित हो जाते हैं।

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सबसे पहले बात करते हैं एग्जिट पोल से उलट आए असली चुनाव नतीजों की….

वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव इसका सबसे पहला और सबसे बड़ा उदाहरण है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में देश में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार ने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया था। सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, सर्व शिक्षा अभियान जैसे विजनरी आइडियाज पेश किए थे जिसकी बदौलत चुनाव में ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया गया। ऐसा लग रहा था कि वाजपेयी सरकार की सत्ता वापसी तय है। एग्जिट पोल्स में भी यही धुन सुनाई पड़ी। लेकिन असल नतीजे आए तो एग्जिट पोल्स के अनुमान धराशायी हो गए। एनडीए 189 सीटों पर सिमट गई और पहली बार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी UPA की सरकार बनी।

इसके अलावा हमने पिछले 5 विधानसभा चुनावों के EXIT POLLS पर रिसर्च किया तो इनमें एग्जिट पोल के दावे खोखले साबित हुए.

पश्चिम बंगाल चुनाव 2021

कोरोना महामारी के दौरान हुए पश्चिम बंगाल चुनाव बीजेपी और ममता बनर्जी ने पूरी ताकत के साथ लड़ा था. ज्यादातर एग्जिट पोल ने BJP को 100 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया, लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी महज 77 सीटों पर सिमट गई. ममता बनर्जी की TMC ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई

बिहार विधानसभा चुनाव 2020

बिहार विधानसभा चुनाव के समय भी ज्यादातर चैनल और सर्वे एजेंसियों ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन की जीत का दावा किया था. लेकिन रिजल्ट आने पर बीजेपी और JDU गठबंधन ने तीसरी बार सरकार बनाई और यहां भी EXIT पोल्स धाराशाई हो गए

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को 200 पार दिखा रहे थे. इस चुनाव में एग्जिट पोल हवा का रुख भांपने में सही साबित हुए, लेकिन सीटों का अनुमान लगाने में फेल हो गए.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019

हरियाणा विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल ने बीजेपी को 70 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया. नतीजे आए तो बीजेपी महज 40 सीटों पर सिमट गई…..और अंतत: जजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020

दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा किया. नतीजों में ये दावे सही साबित हुआ. आम आदमी पार्टी को 62 सीटें भी मिलीं

ऐसे और भी उदाहरण हैं जब एग्जिट पोल्स असल नतीजों से आसपास भी नहीं ठहरे और कई बार तो बिल्कुल उलट परिणाम ही आ गए। हालांकि, यह भी सच है कि कई बार एग्जिट पोल्स के अनुमान लगभग सही ही निकले। मसलन, पिछली बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हर एग्जिट पोल्स में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सत्ता वापसी का अनुमान जताया था और असली नतीजे भी यही आए। वह अलग बात है।

कि मुख्यमंत्री के मुद्दे पर दोनों पार्टियां अगल हो गईं और शिवसेना ने विरोधी गठबंधन से हाथ मिलाकर प्रदेश में सरकार बना ली। इस बार उत्तर प्रदेश में क्या होगा, 10 मार्च से पहले तो किसी भी सूरत में गारंटी नहीं दी जा सकती है। यही वजह है कि विपक्ष और खासकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) तो एग्जिट पोल्स को नकारते हुए 10 मार्च को असली नतीजों में करिश्मे का दावा कर रही है।

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