चुनाव 2022 : झांसी मंडल में सपा की आंधी में क्या योगी बचा पाएंगे ‘भगवा दीवार’
झांसी का नाम जब सुनते हैं तो सबसे पहले दिमाग में आता है, 'बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।' रानी के झांसी मंडल में विधानसभा की नौ सीट आती हैं।
झांसी : झांसी का नाम जब सुनते हैं तो सबसे पहले दिमाग में आता है, ‘बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।’ रानी के झांसी मंडल में विधानसभा की नौ सीट आती हैं। गरीबी और बेरोजगारी से इस मंडल का पुराना नाता रहा है, लेकिन अब हालात कुछ बेहतर होते दिख रह हैँ।
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ग्रामीण इलाकों की बात करें तो छुट्टा जानवर फसल और इंसान दोनों के लिए मुसीबत हैं। जबकि पेयजल शहर और गाँव दोनों में बड़ी समस्या है। पलायन ने गांवों को वीरान कर दिया है। सरकार डिफेंस कॉरिडोर को रोजगार का द्वार खोलने वाला बता रही है। चुनावी माहौल है चर्चा वादों की है दावों की है। झांसी मंडल बीजेपी और बसपा का मजबूत गढ़ रहा है। लेकिन जिस तरह से समाजवादी पार्टी की सूबे में समर्थन मिल रहा है ये मंडल भी उससे अछूता नहीं है जबकि बीजेपी को अपने महल को ताश का महल होने से बचाना है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव झांसी में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। बड़ागांव, चिरगांव और मोंठ की सभाओं में आई भीड़ जाते-जाते बीजेपी में बेचैनी पैदा कर गई। प्रियंका गांधी ललितपुर दौरा कर चुकी हैं। वहीं बसपा वाले सतीश चंद्र मिश्रा झांसी में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कार के अपनी ताकत का आँकलन कार चुके हैं। लेकिन चुनावी दंगल बीजेपी और सपा के बीच ही नजर आ रहा है।
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समस्या नहीं सुरसा कहिए
आज भी पानी के लिए लाइन लगती हैं। मंडल में हजारों लोग सुबह पानी की तलाश में निकलते हैं। सूखे कुएं, खराब हैंडपंप गरौठा, बबीना, मऊरानीपुर में आम हो चुके हैं। झांसी की बात करें तो बिजौली, करगुवां, दरीगरान, प्रेमनगर पुलिया नंबर नौ में पानी टैंकर से आता।
नेताओं को समस्याओं की चुनाव में आती है। बाद में सब भूल जाते। कहीं-कहीं पानी नल से घरों में या भी रहा है लेकीब प्रेशर काफी कम होता है। झांसी में विकास तो नजर आता है लेकिन वो शहर के बाहर ही रुक जाता है। ग्वालियर रोड रेलवे क्रॉसिंग आज भी ओवरब्रिज के लिए तरस रहा है। सूती मिल बंद है। एयरपोर्ट झांसी वालों के लिए सपना बना है। छुट्टा पशु झांसी, ललितपुर, जालौन हर जिले में मुसीबत बने हुए हैं। किसान फसलों की रखवाली के लिए रातभर जागते हैं।
ललितपुर, झांसी और महोबा में ‘हर घर नल से जल’ योजना बनाई गई। 2185 करोड़ की इस योजना पर जून 2020 में काम भी आरंभ हुआ। लेकिन कई इलाके पाइपलाइन का इंतजार कर रहे हैं। आपको बात दें, पर्यटन के क्षेत्र में यहां काफी संभावनाएं हैं, लेकिन इसे आकार नहीं दिया जा सका है। ये मंडल ऐसा है कि कुदरत ने इसे खुले दिल से भरपूर संपदा दी है, लेकिन सरकारें उसका प्रयोग यहां की खुशहाली के लिए नहीं कर सकीं हैं।
राजा बुंदेला याद हैं आपको
कई बंबाइया फिल्म में ललितपुर के रहने वाले राजा बुंदेला नजर आए हैं। फिर घर लौट आए। बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और अपनी पार्टी बुंदेलखंड कांग्रेस से होते हुए अब बीजेपी में हैं। फिलहाल बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। बीजेपी से टिकट की आस है।
अब देखिए मंडल की सभी सीटों का सियासी गणित
झांसी 4 सीट
झांसी : बीजेपी के रवि शर्मा विधायक।
समीकरण : ब्राह्मण लगभग 80 हजार, अनुसूचित जातियां 70 हजार, कुशवाहा व मुस्लिम 60-60 हजार, साहू 50 हजार, वैश्य 30 हजार, यादव 20 हजार।
बबीना : बीजेपी के राजीव सिंह पारीछा विधायक।
समीकरण : लोधी, यादव व अनुसूचित जातियां लगभग 70-70 हजार, ब्राह्मण 30 हजार, कुशवाहा व कुर्मी 20-20 हजार, साहू व मुस्लिम 10-10 हजार।
गरौठा : बीजेपी के जवाहर लाल राजपूत विधायक।
समीकरण : लोधी व यादव 60-60 हजार, अनुसूचित जातियां 50 हजार, ब्राह्मण व वैश्य 40-40 हजार, कुर्मी 30 हजार, कुशवाहा 20 हजार, मुस्लिम 15 हजार, साहू 10 हजार।
मऊरानीपुर (सु.) : बीजेपी के बिहारी लाल आर्य विधायक।
समीकरण : अनुसूचित जातियां लगभग 1.40 लाख, यादव 80 हजार, ब्राह्मण व वैश्य 40-40 हजार, मुस्लिम 30 हजार, कुशवाहा 25 हजार।
ललितपुर 2 सीट
ललितपुर : बीजेपी के रामरतन कुशवाह विधायक।
समीकरण : यादव लगभग 44 हजार, ब्राह्मण 23 हजार, मुस्लिम 21 हजार, सहरिया (आदिवासी) 19 हजार, क्षत्रिय व बंशकार 18-18 हजार, जैन 17 हजार।
महरौनी (सु.) : बीजेपी के मनोहर लाल पंथ विधायक।
समीकरण : अहिरवार लगभग 67 हजार, कुशवाह 54 हजार, यादव 41 हजार, लोधी 35 हजार, ब्राह्मण 27 हजार, कुर्मी 25 हजार, क्षत्रिय 24 हजार, सहरिया 16 हजार, बंशकार व पाल 14-14 हजार।
जालौन 3 सीट
कालपी : बीजेपी के नरेंद्र सिंह जादौन विधायक।
समीकरण : क्षत्रिय लगभग 80 हजार, अनुसूचित जातियां 70 हजार, ब्राह्मण 50 हजार, पाल 45 हजार, वैश्य, यादव व निषाद 25-25 हजार, अनुसूचित जनजाति 30 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग 40 हजार, मुस्लिम 30 हजार, कुशवाह 20 हजार।
माधौगढ़ : बीजेपी के मूलचंद्र निरंजन विधायक।
समीकरण : पाल, राठौर, कुर्मी लगभग 62 हजार, क्षत्रिय 52 हजार, ब्राह्मण व कुशवाह 45-45 हजार, मुस्लिम 38 हजार, यादव 14 हजार, पांचाल, सविता 15 हजार, कुम्हार 11 हजार।
उरई (सु.) : बीजेपी के गौरीशंकर वर्मा विधायक।
समीकरण : अनुसूचित जातियां 70 हजार, ब्राह्मण 65 हजार, मुस्लिम 52 हजार, यादव 50 हजार, वैश्य 35 हजार, कुर्मी 22 हजार, क्षत्रिय 17 हजार।
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