चुनाव 2022 : गोरखपुर मंडल में योगी और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर, सपा की ‘मौज’

सीएम सिटी यानि की गोरखपुर, आज से पांच वर्ष पहले यदि आप गोरखपुर गए होंगे तो रामगढ़ ताल को देखने भी नहीं गए होंगे। लेकिन आज जाने का मूड होगा तो आपकी विश लिस्ट में ताल जरूर होगा.. वो इसलिए कि अब यहां चौड़ी सड़कें, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लाइट-साउंड और नौकायन आपका स्वागत करते हुए नजर आएगी।

गोरखपुर : सीएम सिटी यानि की गोरखपुर, आज से पांच वर्ष पहले यदि आप गोरखपुर गए होंगे तो रामगढ़ ताल को देखने भी नहीं गए होंगे। लेकिन आज जाने का मूड होगा तो आपकी विश लिस्ट में ताल जरूर होगा.. वो इसलिए कि अब यहां चौड़ी सड़कें, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लाइट-साउंड और नौकायन आपका स्वागत करते हुए नजर आएगी। सिर्फ इतना ही नहीं कुशीनगर एयरपोर्ट, खाद कारखाना और एम्स भी जमीन पर उतर आया है। गोरखपुर मंडल के जिले बदलाव को देख रहे हैं। पहली आयुष यूनिवर्सिटी गोरखपुर के खाते में है, गोरक्षनाथ यूनिवर्सिटी भी नवयुवकों को पंख देने को तैयार है। मंडल के अन्य जिलों में भी कुछ कुछ विकास की कोपल नजर आने लगी हैं। आपको बात दें, इस मंडल में गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर जिले की 28 विधानसभा सीट आती हैं।

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PM Modi

बाढ़, गुस्सा और मंदिर

गोरक्षनाथ मंदिर मठ या धाम आप इसे कुछ भी कहिए लेकिन ये सिर्फ धर्म का प्रतिनिधि नहीं है बल्कि इस इलाके में राजनीतिक रूप से भी मजबूती से जड़ जमाए हुए है। मंडल में सीटवार मुस्लिम-यादव, निषाद, सैंथवार, ब्राह्मण, पाल व ठाकुर जैसे जातीय समीकरण भी हैं, जो हर एक सीट पर असर दिखाते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर मंडल की 28 सीटों में से 23 पर बीजेपी वहीं कुशीनगर की रामकोला सुरक्षित सीट पर उसकी सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने कब्जा किया था। जबकि कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, चिल्लूपार से बसपा के विनय शंकर तिवारी जो अभी सपा में शामिल हो चुके हैं, देवरिया की भाटपाररानी से सपा के आशुतोष उपाध्याय और महराजगंज के नौतनवा सीट से निर्दल अमनमणि त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। सीएम योगी आदित्यनाथ का गृह मंडल होने की वजह से पार्टी और सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर है।

निषादराज बनेंगे तारणहार

गोरखपुर मंडल की अधिकतर सीटों पर निषाद, मल्लाह व साहनी मतदाताओं की मजबूत पकड़ है। इस वोट को साधने के लिए बीजेपी ने निषाद पार्टी के संजय निषाद को एमएलसी बनाया, बेटा प्रवीण निषाद सांसद है। लेकिन, ये तस्वीर का एक रुख है दूसरा रुख ये है कि संजय ने सिर्फ अपने परिवार को ही सामने रखा, इससे बिरादरी में नाराजगी भी है। जबकि सपा के पाले में जमुना निषाद का परिवार और राम भुआल निषाद जैसे कद्दावर नेता हैं।

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Akhilesh Yadav

रेड अलर्ट पर है ये मंडल

हरिशंकर तिवारी के परिवार की भले ही सपा में इंट्री हुई हो, लेकिन इससे फायदा सपा को नहीं बल्कि तिवारी परिवार को ही होना है। मंडल के सभी जिलों में चुनावी जंग बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच ही है। यहां फिलहाल काँग्रेस और बसपा का कोई नामलेवा नहीं दिख रहा।

अब देखिए गोरखपुर मंडल की सभी सीटों का समीकरण

गोरखपुर

गोरखपुर शहर
भाजपा के डॉ. आरएमडी अग्रवाल 2002 से विधायक हैं।
समीकरण : ब्राह्मण लगभग 50 हजार, कायस्थ, निषाद 35-35 हजार, वैश्य 30 हजार, कुर्मी 28 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, यादव 20 हजार, एससी-एसटी 48 हजार और मुस्लिम 45 हजार।

कैम्पियरगंज
पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह के बेटे फतेह बहादुर सिंह 1991 से विधायक हैं। 2017 में बीजेपी से जीते।

समीकरण : निषाद लगभग 45 हजार, एससी-एसटी 44 हजार, कायस्थ 40 हजार, ब्राह्मण 38 हजार, क्षत्रिय व यादव 35-35 हजार, वैश्य व कुर्मी 25-25 हजार और मुस्लिम 35 हजार।

गोरखपुर ग्रामीण
बिपिन सिंह बीजेपी विधायक हैं।

समीकरण : निषाद लगभग 60 हजार, वैश्य-कुर्मी 40-40 हजार, मुस्लिम 40 हजार, ब्राह्मण 30 हजार, यादव 25 हजार, क्षत्रिय व मौर्य 15-15 हजार, व एससी-एसटी 75 हजार।

चौरी-चौरा

बीजेपी की संगीता यादव विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण व वैश्य 30-30 हजार, कायस्थ 25 हजार, निषाद 35 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, यादव 35 हजार, एससी-एससी 50 हजार, कुर्मी 40 हजार और मुस्लिम 30 हजार।

चिल्लूपार

हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी बसपा से जीते फिलहाल सपा में हैं।

समीकरण : ब्राह्मण करीब 1.05 लाख, एससी-एसटी 80 हजार, ओबीसी व अन्य जातियां 2.30 लाख और मुस्लिम 20 हजार।

पिपराइच

बीजेपी से महेंद्र पाल सिंह विधायक हैं।

समीकरण : कुर्मी लगभग 45 हजार, वैश्य 40 हजार, सैंथवार व निषाद 35-35 हजार, ब्राह्मण 32 हजार, यादव 30 हजार, क्षत्रिय 20 हजार, एससी-एसटी 48 हजार और मुस्लिम 35 हजार।

सहजनवां

बीजेपी के शीतल प्रसाद पांडेय विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 1.20 लाख, यादव 80 हजार, एससी 60 हजार, सैंथवार-निषाद 40-40 हजार, मुसलमान 11 हजार।

खजनी (सु.)
संत प्रसाद दूसरी बीजेपी विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण करीब 40 हजार, वैश्य 35 हजार, मौर्य-कुर्मी 58 हजार, निषाद 40 हजार, क्षत्रिय 20 हजार, यादव 40 हजार, एससी-एसटी 85 हजार और मुस्लिम 30 हजार।

बांसगांव (सु.)
डॉ. विमलेश पासवान बीजेपी विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण 30 हजार, कुर्मी व क्षत्रिय 35-35 हजार ,कायस्थ, यादव व निषाद 25-25 हजार, एससी-एसटी 61 हजार और मुस्लिम 30 हजार।

देवरिया

देवरिया सदर : बीजेपी के डॉ. सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी विधायक हैं।

समीकरण : वैश्य करीब 41 हजार, ब्राह्मण 39 हजार, क्षत्रिय 27 हजार, यादव व निषाद 20-20 हजार, अनुसूचित जाति 41 हजार और मुस्लिम 22 हजार।

पथरदेवा : कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही विधायक हैं।

समीकरण : सैंथवार करीब 37 हजार, वैश्य 32 हजार, यादव 25 हजार, ब्राह्मण 19 हजार, क्षत्रिय 13 हजार, एससी-एसटी 63 हजार, मुस्लिम 60 हजार।

भाटपाररानी : सपा से डॉ. आशुतोष उपाध्याय विधायक हैं।

समीकरण: कुशवाहा करीब 48 हजार, यादव 42 हजार, वैश्य 36 हजार, ब्राह्मण 28 हजार, क्षत्रिय 21 हजार, एससी व मुसलमान 36-36 हजार।

बरहज : बीजेपी के सुरेश तिवारी विधायक हैं।

समीकरण : यादव करीब 41 हजार, ब्राह्मण 40 हजार, वैश्य 32 हजार, क्षत्रिय 30 हजार, एससी 42 हजार और मुस्लिम 16 हजार।

सलेमपुर (सु.) : बीजेपी के काली प्रसाद विधायक हैं।

समीकरण : यादव करीब 41 हजार, ब्राह्मण 38 हजार, वैश्य 28हजार, क्षत्रिय 22 हजार, कुशवाहा 24 हजार, एससी 46 हजार और मुस्लिम 39 हजार।

रुद्रपुर : राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद विधायक हैं।

समीकरण : निषाद करीब 42 हजार, यादव 39 हजार, क्षत्रिय 29 हजार, सैंथवार 23 हजार, ब्राह्मण 21 हजार, एससी 28 हजार, मुस्लिम 22 हजार।

रामपुर कारखाना : बीजेपी के कमलेश शुक्ल विधायक हैं।

समीकरण : यादव करीब 42 हजार, ब्राह्मण 38 हजार, कुशवाहा 32 हजार, सैंथवार 30 हजार, क्षत्रिय 14 हजार, एससी-एसटी 52 हजार और मुस्लिम 30 हजार।

महराजगंज

महराजगंज सदर : बीजेपी के जयमंगल कन्नौजिया विधायक हैं।

समीकरण: यादव लगभग 65 हजार, वैश्य 56 हजार, ब्राह्मण 48 हजार, क्षत्रिय 45 हजार, एससी 97 हजार और मुस्लिम 44 हजार।

फरेंदा : बीजेपी के बजरंग बहादुर सिंह विधायक हैं। 2015 में बजरंग को सदस्यता गंवानी पड़ी।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 68 हजार, कुर्मी 50 हजार, यादव 45 हजार, वैश्य 42 हजार, क्षत्रिय 23 हजार, अनुसूचित जाति 45 हजार और मुस्लिम 25 हजार।

पनियरा : बीजेपी के ज्ञानेंद्र सिंह विधायक हैं।

समीकरण : सैंथवार 70 हजार, निषाद 60 हजार, यादव 42 हजार, ब्राह्मण व वैश्य 40-40 हजार, क्षत्रिय 20 हजार, अनुसूचित जाति 55 हजार और मुस्लिम 33 हजार।

नौतनवा : अमनमणि त्रिपाठी निर्दलीय विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 85 हजार, यादव 50 हजार, वैश्य 46 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, एससी 70 हजार, मुस्लिम 65 हजार।

सिसवा : बीजेपी के प्रेम सागर पटेल विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 88 हजार, कुर्मी 75 हजार, वैश्य 48 हजार, यादव 30 हजार, क्षत्रिय 15 हजार, अनुसूचित जाति 60 हजार और मुस्लिम 20 हजार।

कुशीनगर

खड्डा : बीजेपी के जटाशंकर त्रिपाठी विधायक हैं।

समीकरण : कुशवाहा लगभग 57 हजार, यादव 53 हजार, ब्राह्मण 48 हजार, कुर्मी 38 हजार, वैश्य 29 हजार, निषाद 28 हजार, एससी 67 हजार और मुस्लिम 65 हजार।

कुशीनगर : बीजेपी के रजनीकांत मणि त्रिपाठी विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 77 हजार, यादव 59 हजार, सैंथवार 35 हजार, वैश्य 30 हजार, गोंड 27 हजार, कुर्मी 26 हजार, एससी 59 हजार और मुस्लिम 85 हजार।

हाटा : बीजेपी के पवन केडिया विधायक हैं।

समीकरण : सैंथवार लगभग 96 हजार, ब्राह्मण 63 हजार, वैश्य. 33 हजार, यादव 32 हजार, कुर्मी 26 हजार, एससी 65 हजार और मुस्लिम 59 हजार।

रामकोला (सु.) : सुभासपा के रामानंद बौद्ध विधायक हैं। उन्होंने सपा के पूर्णमासी देहाती को हराया था।
समीकरण : ब्राह्मण 59 हजार, यादव 57 हजार, राजपूत 39 हजार, वैश्य 37 हजार, कुर्मी 31 हजार, गोंड 27 हजार, एससी 61 हजार और मुस्लिम 71 हजार।

पडरौना : श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य विधायक हैं।

समीकरण : ब्राह्मण लगभग 52 हजार, यादव 48 हजार, सैंथवार 46 हजार, कुशवाहा 44 हजार, वैश्य 41 हजार, कुर्मी 37 हजार, एससी 76 हजार और मुस्लिम 84 हजार।

तमकुहीराज : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू विधायक हैं।

समीकरण : यादव लगभग 48 हजार, ब्राह्मण 41 हजार, भूमिहार 36 हजार, कुर्मी 29 हजार, निषाद 27 हजार व मुस्लिम 55 हजार।

फाजिलनगर : बीजेपी के गंगा सिंह कुशवाहा विधायक हैं।

समीकरण : यादव व कुशवाहा लगभग 56-56 हजार, ब्राह्मण 48 हजार, वैश्य 39 हजार, कुर्मी 38 हजार, एससी 77 हजार, अन्य जातियां और मुस्लिम 98 हजार।

 

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