UP Election 2022: चुनावी खर्चों का ब्यौरा मांग रही EC, प्रत्याशियों को देने होंगे डिटेल्स

लखनऊ। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल अभियान चलाने की अनुमति दी है।

लखनऊ। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल अभियान चलाने की अनुमति दी है। आपने डिजिटल प्रचार पर कितना खर्च किया? अब सभी उम्मीदवारों को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा देना होगा। हालांकि इससे पहले भी उम्मीदवार डिजिटल कैंपेन पर कितना खर्च करना है इसकी जानकारी देते थे। हालांकि, यह पहली बार है कि इस तरह के खर्चों की रिपोर्ट करने के लिए एक कॉलम बनाया गया है।

चुनाव आयोग ने कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 22 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और पथ सभा सहित सभी प्रकार की शारीरिक रैलियों पर रोक लगा दी है। प्रतिबंध के बाद अब सभी राजनीतिक दल प्रचार के लिए डिजिटल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में इस कॉलम को जोड़ा है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10ए के अनुसार निर्धारित समय के भीतर अपने चुनाव खर्च को रिकॉर्ड करने में विफल रहने पर उम्मीदवार को चुनाव आयोग द्वारा तीन साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले सरकार ने चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी थी।

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