यूपी : 145 बर्ष पुराने प्राचीन कैलाश मंदिर पर बम बम भोले की गूंज

इस मंदिर की मान्यता है कि आप जो मांगोगे वो इच्छा पूर्ति जरूर होती इसको लेकर लोग हजारों किलोमीटर दूर से जलाभिषेक और दर्शन करने आते है।

एटा : उत्तर प्रदेश के एटा में 145 बर्ष पुराना और 200 फुट ऊंचे प्राचीन कैलाश मंदिर में गूँजे बम-बम भोले की गूंज, श्रावण मास के प्रथम सोमवार को शिवभक्तों और कावड़ियों की भीड़ उमड़ी और एटा के मुख्यालय पर स्थित भोलेनाथ के कैलाश मंदिर पर श्रदालुओं ने माँ गंगा से कावड़ में गंगाजल कांवड़ लाकर आज सैकड़ों लोगों ने जलाभिषेक किया, वही इस ऐतिहासिक कैलाश मंदिर में चर्तुमुखी शिवलिंग से जुड़ी आस्थायें मनोकामना पूर्ण करने वाली बताई जाती हैं इस मंदिर की मान्यता है कि आप जो मांगोगे वो इच्छा पूर्ति जरूर होती इसको लेकर लोग हजारों किलोमीटर दूर से जलाभिषेक और दर्शन करने आते है।

मंदिर आज भी लोगों के लिए बना है श्रद्धा का केन्द्र

यही वजह है कि 145 वर्ष पूर्व स्थापित यह मंदिर आज भी लोगों की अगाध श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है,वही जिला प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर काफी बेहतर इंतजामात किये गए है।मुख्यालय पर कैलाश मंदिर की भव्यता और भगवान शिव भक्तों को मिलने वाला अनुग्रह इसके महत्व को और बढ़ाता रहा है, स्वतंत्रता संग्राम के बाद एटा के राजा दिलसुख राय द्वारा 145 बर्ष पूर्व कैलाश मंदिर का निर्माण कराया था। वही राजा की मनोकामना पूर्ण होने पर स्वयं माँ गंगा और शिवभक्त राजा दिलसुख राय द्वारा कैलाश मंदिर में स्वयं ही पूजा-अर्चना के साथ अपने वारिसानों को साथ लेकर सोरों से कावड़ उठाकर कैलाश मंदिर पर चढ़ाकर पुण्य लाभ कमाया था।

चूने और रेत से बनी है प्राचीन मंदिर

शिखर शैली के इस मंदिर की जमीन से ऊंचाई 200 फुट से अधिक बताई जा रही है और देश के शिव मंदिरों में एक प्रमुख मंदिर है,वही ये पौराणिक और प्राचीन मंदिर चूने और रेता द्वारा मजबूती से बना हुआ है, इसके अलावा चर्तुमुखी शिवलिंग और कुण्डलिनी शक्ति से आवेष्टित जलहरी मुख्य आकर्षण हैं,आज से 145 बर्ष पूर्व इस मंदिर को बनवाने में लगभग सवा तीन लाख रुपया मंदिर पर व्यय होना बताया जाता है, राजा दिलसुख राय ने खुद काव्य में शिलालेख भी लगवाया था, जो भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। अब तो स्थिति यह है कि चर्तुमुखी शिवलिंग मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली होने को लेकर श्रावण मास के सोमवार व शिवरात्रि को अपार भीड़ नजर आती है,मन्दिर पुरोहित का कहना है कि यह मन्दिर मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है जिसका प्रमाण यहां लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु बताते हैं।

रिपोर्ट- अनुज दीक्षित

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