अमेठी : केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद ने शहर में दस बिस्वा जमीन की कराई रजिस्ट्री
केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद सोमवार को अमेठी की सांसद होने के साथ-साथ यहां की नागरिक भी हो गई।
केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद सोमवार को अमेठी की सांसद होने के साथ-साथ यहां की नागरिक भी हो गई। उन्होंने शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर टांडा-बांदा हाइवे से पूरे रोहिणी पांडेय गांव के पास से टिकरिया-मेदन मवई मार्ग के लिए जाने वाली सड़क पर बंद पड़े मदर डेयरी प्रोजेक्ट के सामने केंद्रीय मंत्री ने रकबा 136 एयर, गौरीगंज मेदन मवई में फूलमती की जमीन ली।
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जमीन की कीमत 12 लाख छह हजार है। स्मृति ईरानी ने 12 लाख 11 हजार रुपये रजिस्ट्री के लिए दिए हैं और गवाह के तौर पर फूलमती का बेटा गया प्रसाद पांडेय और जान सिंह मौजूद रहे 50,800 रजिस्ट्री स्टांप लगे हैं। साढ़े दस बिस्सा जमीन की रजिस्ट्री भू-स्वामी फूलमती से अपने नाम लिया। स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि, अमेठी का सांसद अमेठी में आजतक कभी घर बनाकर रहा नही। मैं आजतक अमेठी में किराए के मकान में रह रही थी। आज मेरा ये सौभाग्य है की मैं यहां पर अपना घर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर पा रही हूं। मीडिया से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि,अब तक मेरे संसदीय कार्यकाल दो वर्ष भी पूरा नही हुआ तब भी इन डेढ़ वर्षों में दिए हुए वचनों को पूरा कर पा रही हूं मुझ पर प्रभु की असीम कृपा है। उन्होंने कहा आज रजिस्ट्रेशन कराया है आशावादी हूं बहुत ही जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। गांव के सभी नागरिकों की अभिलाषा थी कि भूमि पूजन के दिन घर के उस प्रांगण में वो स्वयं पधार के आएं तो आज हमारे ग्रामीण अंचल के जो पदाधिकारी हैं कार्यकर्ता हैं वो सब मिलके एक तारीख सुनिश्चित करेंगे जिसमें गांव के सभी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। जिसको दीदी कहा है, तो दीदी के घर का शिलान्यास जब होगा तो गांव के सभी लोग उसमें अपना सहयोग देंगे।वहीं स्मृति ईरानी ने ये भी कहा कि, अमेठी का जितना प्रेम, जितना आशिर्वाद मुझे मिला उसके पीछे लोगों की मंशा ये थी की कम से कम सांसद जो है वो उपलब्ध रहे। कोरोना काल में हम न्याय पंचायत वार जिला प्रशासन के साथ ई-चौपाल लगा रहे थे ताकि जनता को जिला मुख्यालय तक न आना पड़े। कोरोना से पहले मैं न्याय पंचायत वार दीदी आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से जिला प्रशासन के साथ गांव-गांव जाते थे। लेकिन जनता के मन में जो एक प्रश्न था की क्या अमेठी का कभी ऐसा सांसद होगा जो गांव तक अपने संसदीय कार्यकाल में पहुंचेगा, मैं अपने आप को खुश नसीब समझती हूं के मैं उस अभिलाषा को पूरा कर पाई हूं।
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