पीयूष अपहरणकांड: चाचा ने ही किया था मासूम भतीजे का अपहरण, हत्या के बाद खेत में दफन कर दिया था शव
सदर कोतवाली के बांसपार बैजौली गांव में 6 वर्षीय मासूम बच्चे के अपहरणकांड का पुलिस 72 घंटे बाद खुलासा कर दी। इस सनसनी खेज मामले में अपहरणकर्ता कोई और नहीं बल्कि मासूम पीयूष का नाबालिग चाचा मनीष ही निकला।
महराजगंज। सदर कोतवाली के बांसपार बैजौली गांव में 6 वर्षीय मासूम बच्चे के अपहरणकांड (kidnapping) का पुलिस 72 घंटे बाद खुलासा कर दी। इस सनसनी खेज मामले में अपहरणकर्ता कोई और नहीं बल्कि मासूम पीयूष का नाबालिग चाचा मनीष ही निकला।
पीयूष के अपहरण ( kidnapped) के बाद उसका हाथ पैर व मुंह बांध गांव के ही एक मकान में सीधी के नीचे बने कमरे में बंधक बनाए रखा था। पुलिस के पूछताछ में तीसरे दिन मनीष ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। बंधक के दौरान मासूम पीयूष की मौत के बाद उसके शव को घर के बगल में खेत में दफन कर दिया था। इसके एसपी प्रदीप गुप्ता, एएसपी निवेश कटियार, सीओ सदर राजू कुमार साव, एसटीएफ, क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची। घर से कूछ दूर खेत में डेढ़ फीट गड्ढे में दफन किया पीयूष का शव मिला।
कोतवाली में शनिवार को देर शाम एसपी प्रदीप गुप्ता ने खुलासे की जानकारी दिया। बताया कि सदर कोतवाली के बांसपार बैजौली गांव से छह वर्षीय मासूम पियूष पुत्र दीपक गुप्ता 9 दिसंबर को घर के बाहर खेल रहा था। उसी दौरान उसका अपहरण हो गया था। इस मामले में दीपक गुप्ता के घर से थोड़ी दूर एक कथित चिठ्ठी फेंककर अपहरणकर्ताओं ने 50 लाख की फिरौती की मांग किया था।
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इस मामले में केस दर्ज कर सभी पहलुओं की गम्भीरता से जांच की गई। छानबीन के दौरान पता चला कि पीयूष के अपहरण ( kidnapped)में उसके नाबालिग चाचा मनीष का ही हाथ है। फिरौती की चिट्ठी की हैंड राइटिंग की एक्सपर्ट से जांच कराई गई।
वह हैंड राइटिंग मनीष की राइटिंग से मिली। पूछताछ में मनीष ने बताया कि हाथ पैर व मुंह बांध वह पीयूष को गांव के एक मकान में छिपा कर रखा है। इस खुलासे के बाद पुलिस टीम मनीष को लेकर मौके पर पहुंची। लेकिन जहां वह बताया था उस स्थान पर पीयूष नहीं मिला। इसके बाद सघन जांच शुरू हुई। थोड़ी देर बाद पीयूष का शव मिल गया।
नौवीं कक्षा का छात्र है अपहरणकर्ता मनीष
पीयूष का अपहरण कर उसे मौत के मुंह में पहुंचाने वाला मनीष रिश्ते में चाचा लगता है। वह नौवीं कक्षा का छात्र है। पिछले साल दिसंबर माह में वह खुद अपने अपहरण की पटकथा लिखा था। लेकिन तीसरे दिन नाटकीय ढंग से बरामद हो गया था।
मां बाप का इकलौता बेटा था पीयूष
पीयूष अपने मां बाप का इकलौता बेटा था। परिवार में एक बहन भी है। इस घटना से परिजन बदहवास है। पीयूष के दादा मुम्बई में ठेकेदार है। सबका रो रो कर बुरा हाल है।
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