आईएएस अधिकारी के हाथों में पीकदान पकड़ा कर थूकते थे लालू यादव- उमा भारती
उमा भारती पर के ऊपर ब्यूरोक्रेसी द्वारा चप्पल उठाने वाले बयान पर सियासी घमासान कई दिनों से चल रहा है. इसी बीच उन्होंने ट्विटर के माध्यम से एक किस्सा साझा किया है।
उमा भारती पर के ऊपर ब्यूरोक्रेसी द्वारा चप्पल उठाने वाले बयान पर सियासी घमासान कई दिनों से चल रहा है। इसी बीच उन्होंने ट्विटर के माध्यम से एक किस्सा साझा किया है। उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से कई ट्वीट किये और अपनी सफाई देते हुए कई बातें कही इसी कड़ी में उन्होंने अधिकारीयों के साथ नेताओं का नौकरों जैसा व्यव्हार करने का एक किस्सा ट्वीट किया।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा साल था 2000 जब मैं केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पर्यटन मंत्री हुआ करती थी , तब बिहार में वहां की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके पति लालू यादव जी के साथ मेरा पटना से बोधगया हेलीकॉप्टर से जाने का एक दौरा था। हेलीकॉप्टर में हमारे सामने की सीट पर बिहार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी बैठे हुए थे। लालू यादव जी ने मेरे ही सामने अपने पीकदान में थूका एवं उस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के हाथ में थमाकर उसको खिड़की के बगल में नीचे रखने को कहा और उस अधिकारी ने किया भी कुछ ऐसा ही।
जब मुझे 2005-2006 में बिहार का प्रभारी बनाया गया था तब मैंने बिहार के पिछड़ेपन के साथ, पिकदान वाले मुद्दे को भी उठाया था और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि यदि आप आज उनका पिकदान उठाते हैं, तो हमें भी इसे उठाना होगा आप अपनी मर्यादा का ध्यान रखें और पीकदान की जगह फाइल और कलमदान लेकर चलें।’
उमा भारती ने किये 25 ट्वीट –
उन्होंने अपने बचाव में सिलसिलेवार 25 ट्वीट किये जिसमे उन्होंने खुद को ब्यूरोक्रेसी पर दिए ब्यान को लेकर सफाई दी उन्होंने लिखा ‘मुझे रंज हैं की , मैंने असंयत भाषा का किया जब की मेरे भाव अच्छे थे ।मैंने आज से यह सबक़ सीखा की सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिये’ उन्होंने आगे लिखा ‘ब्यूरोक्रेसी पर बोली असंयत भाषा पर मैंने आत्मग्लानि का अनुभव किया और उसे व्यक्त भी किया किन्तु मेरे भाव बिलकुल सही थे’
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