शुक्र प्रदोष व्रत करने से पूरी होगी सारी मनोकामनाएं, जानें पूजा की विधि

आज शुक्र प्रदोष व्रत (Vrat) है। इसे भुगवारा प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन पूरे विधि विधान से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती हैं।

आज शुक्र प्रदोष व्रत (pradosh vrat ) है। इसे भुगवारा प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन पूरे विधि विधान से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती हैं। आज के दिन व्रत रखने से जीवन की सुख-शान्ति की प्राप्ती होती है। शुक्र प्रदोष व्रत हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

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पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शुक्र प्रदोष व्रत (pradosh vrat ) मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के बाद व्रत कथा पढ़नी चाहिए।

पूजा सामग्री-

मौसमी फल, दही, घी, गुड़, शक्कर, गन्ने का रस, गाय का दूध, शहद, चंदन, बेलपत्र, अक्षत, गुलाल, अबीर, धतूरा, भांग, मदार, जनेऊ, कलावा, कपूर, अगरबत्ती, दीपक।

प्रदोष व्रत (pradosh vrat ) की पूजा विधि-

सबसे पहले शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान ​शिव को चंदन का तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद अक्षत्, बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार, फल, पुष्प, शहद उन्हें अर्पित कर दें। वहीं इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। ये सभी चीज अर्पित करने के बाद चालीसा का पाठ करें। उसके बाद दीपक जलाकर शिव जी की आरती करें।

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