जिस लापता बिटिया के लिए ‘दिव्यांग माँ’ खा रही थी दर-दर की ठोकरें मिलते ही उसने जो किया रिश्तों से उठ जाएगा विश्वास

गुमशुदा बेटी को ढूंढने के लिए दिव्यांग महिला पिछले  27 दिनों से थाने के चक्कर लगा रही थी। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी को पाने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया।

किसी ने क्या खूब लिखा है कि स्याही खत्म हो गयी “माँ” लिखते-लिखते
                                         उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी

handicapped mother: दुनिया के सारे अफ़साने फीके महसूस होने लगेंगे लेकिन माँ…..पर वाक्या पूरा नहीं होगा। माँ पर आपने न जाने कितने किस्से, कहानियां सुनी होंगी पर आज हम आपको जिस माँ के बारे में बताने जा रहे हैं इसे पढ़कर आप की आंखे जरूर भीग जाएँगी।

अभी कुछ दिन पहले ही एक वीडियो खूब वायरल हो रहा था। यह वीडियो यूपी के कानपुर का था। जिसमें पैरों और हालातों दोनों से मजबूर होने के बावजूद अपनी ‘बिटिया’ के लिए एक माँ ने अपने हालातों से हार न मानी। लेकिन जब किस्मत ने बेटी से मिलाया तो जो हुआ माँ का कलेजा ही चिर गया ….

सिर्फ बैशाखी के सहारे कोई दिन ऐसा नहीं गया जब उसने अपनी बिटिया को ढूंढने की कोशिश न की हो। मैली सी फटी नुची साड़ी में आँखों के बहते आंसु उसके दर्द को बयां कर रहे थे। बिटिया जो खोयी थी उसकी आँखों के आँसू थमते भी कैसे। बिटिया की गुमशुदगी के बाद से कोई दिन ऐसा न गया होगा जब दिव्यांग महिला ने थाने के चक्कर न कांटे हो।

क्या है पूरा मामला

दरअसल हुआ ये कि कानपुर के चकेरी के सनिगवां गांव रहने वाली बुजुर्ग दिव्यांग महिला (handicapped mother)  जिनका नाम गुड़िया है।  उनकी नाबालिग बेटी को ठाकुर नाम का युवक उठा ले गया था।  गुमशुदा बेटी को ढूंढने के लिए दिव्यांग महिला पिछले  27 दिनों से थाने के चक्कर लगा रही थी। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी को पाने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया।

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मुफ्तखोरी की लत से मजबूर कानपुर पुलिस

कानपुर पुलिस के भी क्या कहने जिन्हे मुफ्तखोरी की ऐसी लत लगी हुई है कि उस बेचारी दिव्यांग महिला (handicapped mother) से भी बेटी को ढूंढने के बदले पैसे ऐंठते रहे ये बोलकर की गाड़ी डीजल से चलती है। खैर बेटी को ढूंढने के लिए दिव्यांग मां ने जैसे- तैसे भीख मांगकर 12 हजार रुपए एकत्र किया। उन पैसों से पुलिस की गाड़ी में डीजल भरवाया। उसी बेटी को जब पुलिस ने ढूंढ निकाला। तब अपनी माँ से मिलकर उस बिटिया को जरा भी खुशी महसूस नहीं हुई बल्कि उसने यह कह दिया कि मुझे अपनी माँ के साथ नहीं बल्कि अपने पति के साथ रहना है।

अपनी बेटी के मुंह से ये बात सुनने के बाद मानो माँ का कलेजा ही फट सा गया। बेटी की ये बाते सुनते ही उस बेबस माँ के आंसू छलक पड़े। दिव्यांग मां (handicapped mother) ने बेटी से घर चलने को कहा तो उसने जाने से इंकार कर दिया। बेटी मां से बोली तेरे साथ नहीं बल्कि अपने पति के साथ घर जाउंगी। बेटी की बाते सुनकर दिव्यांग मां का दिल बैठ गया।

9 जनवरी को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी

चकेरी थाना क्षेत्र स्थित सनिगवां में रहने वाली दिव्यांग महिला भीख मांग कर गुजर बसर करती थी। दिव्यांग महिला की 17 वर्षीय बेटी बीते 7 जनवरी से लापता थी। बुजुर्ग महिला दो दिनों तक किसी तरह से नाबालिग बेटी की तलाश करती रही। जब उसका कहीं कुछ पता नहीं चला तो, उसने चकेरी थाने में बीते 9 जनवरी को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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महिला ने तहरीर में 5 नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।चकेरी के सनिगवां से ठाकुर नाम का युवक दिव्यांग महिला की बेटी को अगवा कर के ले गया था। पुलिस ने 27 दिन बाद दिव्यांग महिला की बेटी को ढूंढ निकाला है। नाबालिग नौबस्ता की नट बस्ती में छिपकर ठाकुर के साथ रह रही थी। ठाकुर नाम के युवक का कहना है कि हम दोनों ने एक-दूसरे से मंदिर में शादी कर ली है।

दिव्यांग महिला की बेटी नाबालिग है

दिव्यांग महिला की नाबालिग बेटी अपनी मां के साथ जाने को तैयार नहीं है। दिव्यांग महिला बेटी की तलाश में दिन-रात जुटी रही। इसके बाद भी उसका दिल नहीं पसीजा। नाबालिग का कहना था कि मैं मां के साथ नहीं जाउंगी। मुझे अपने पति के घर जाना है। चकेरी इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी का कहना है कि दिव्यांग महिला की बेटी नाबालिग है।

यदि वह अपनी मां के साथ जाने को तैयार नहीं होती है, तो उसे नारीनिकेतन भेजा जाएगा। दिव्यांग महिला की नाबालिग बेटी को पुलिस 25 दिनों बाद भी नहीं बरामद कर सकी थी। महिला ने बीते सोमवार को डीआईजी ऑफिस पहुंच गई, और उसने रो-रो कर बेटी को सकुशल बरामद करने की गुहार लगाई थी।

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