प्रयागराज : नर्सिंगहोम में डा० द्वारा अमानवीय कृत्य से तीन वर्षीय बच्ची की हुई मौत
ग्राम करेहदा में खुशी मिश्रा नाम की 3 साल की बच्ची जिसको की पेट में एक नॉर्मल समस्या थी जिसके तहत परिजनों ने यूनाइटेड मेडिकेयर रावतपुर, थाना धूमनगंज में एडमिट कराया,
प्रयागराज। ग्राम करेहदा में खुशी मिश्रा नाम की 3 साल की बच्ची जिसको की पेट में एक नॉर्मल समस्या थी जिसके तहत परिजनों ने यूनाइटेड मेडिकेयर रावतपुर, थाना धूमनगंज में एडमिट कराया, यूनाइटेड मेडिकेयर हॉस्पिटल के अप्रशिक्षित डाक्टरों के द्वारा दो-दो बार बच्ची के पेट का ऑपरेशन कर परिजनों से ₹2,00,000 वसूलने के बाद और पैसों की डिमांड करते हुए ₹5,00,000 मांग की जाती रही चूंकि परिवार गरीब होने के नाते देने में असहाय था जिसके चलते यूनाइटेड हॉस्पिटल ने बच्ची के फटे हुए पेट के साथ जिसमें की बच्ची की आंखें चढ़ी हुई पूरी की पूरी दिखाई दे रही है । बच्ची को वापस करते हुए परिजनों से कहा कि जब तक ₹500000 यदि आप देंगे तो ही हम आगे इलाज कर पाएंगे, अन्यथा आप बच्ची को लेकर जाएं और बच्ची का किसी भी प्रकार से कोई भी टांका तक नहीं लगाया गया ,और फटे हुए पेट के साथ परिजनों को वापस कर दिया गया, आखिरकार बालिका ने इलाज के अभाव में और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत के काल में समा गई l
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अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार इतनी बड़ी लापरवाही हुई तो क्यों हुई आखिरकार इस 3 वर्षीय बालिका का क्या कसूर था कि उसका पेट फाड़ करके छोड़ दिया गया मौत के मुंह में समाने के लिए ऐसे लापरवाह और असंवेदनशील डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कि आखिरकार एक 3 वर्षीय बच्ची का पेट फाड़ करके छोड़ दिया गया मरने के लिए शर्म आनी चाहिए ऐसे डॉक्टरों को या यूं कहिए कि चुल्लू भर पानी में डूब के मर जाना चाहिए जिन्हें भगवान का रूप कहा जाता है और उन्होंने ऐसे अमानवीय और अशोभनीय कार्य किया है l
रिपोर्ट :-नितिन द्विवेदी, प्रयागराज
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