हमारी ये खबर पढ़कर उड़ जायेंगे आपके होश, कमज़ोर दिल वाले पड़ने से पहले सोचे 10 बार
पर दुनिया में ऐसे भी लोग मौजूद है जोकि एक आम इंसान की बनावट से थोड़ा अलग दीखता है। जैसे कि किसी के हाथों में ग्यारह उंगलिया होती है, या कहीं-कहीं दो जुड़वाँ लोग आपस में जुड़े होते, या फिर किसी के दो के बजाए चार पेर होते है।
वैसे तो ऊपर वाले ने मनुष्य जाति को एक ही समान बनाया है, रंग-रूप और कद-काठी को छोड़कर दुनियाभर में लगभग सभी लोग एक जैसे ही दीखते हैं। पर दुनिया में ऐसे भी लोग मौजूद है जोकि एक आम इंसान की बनावट से थोड़ा अलग दीखता है। जैसे कि किसी के हाथों में ग्यारह उंगलिया होती है, या कहीं-कहीं दो जुड़वाँ लोग आपस में जुड़े होते, या फिर किसी के दो के बजाए चार पेर होते है। ये बात सुनकर आप जरूर सोच में पड़ गए होंगे की किसी इंसान के चार पेर कैसे हो सकते है।
तो हम आपको बता दे कि ये बात 100 प्रतिशत सत्य है। इटली के रहने वाले फ्रांसेस्को फ्रैंक लेंटिनी के दो नहीं बल्कि चार पेर थे। इटली के सिसिली द्वीप पे 18 मई 1889 को जन्मे फ्रांसेस्को फ्रैंक लेंटिनी के जन्म से ही चार पेर थे। फ्रैंक लेंटिनी 12 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पे थे। फ्रैंक लेंटिनी का पालन पोषण उसके चाचा-चाची के यहां पे हुआ। फ्रांसेस्को फ्रैंक लेंटिनी के साथ एक चौकाने वाली बात ये भी है कि उनके तीन टांगें, चार पैर और दो गुप्तांग थे। उसका चौथा पैर उसकी तीसरी टांग के घुटने के पास से निकल रहा था। हालांकि, वह पैर पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया।
चौथी तांग को लेकर जो बात सुनने को मिली है उसके मुताबिक लेंटिनी एक प्रकार के विकार से पीड़ित थे, जिसमें उनके शरीर से आधा जुड़वां बच्चा जुड़ा हुआ था। वो ‘आधा बच्चा’ उनकी रीढ़ की हड्डी के साथ जुड़ा था। फ्रैंक लेंटिनी को अपनी पूरी जिंदगी तीन टांगों, चार पैरों और दो गुप्तांगों के साथ ही गुजारनी पड़ी।
बाकि इंसानों से अलग दिखने की वजह से फ्रैंक लेंटिनी ने अपने अतिरिक्त अंगों को हटवाने की कोशिश भी की थी, पर डॉक्टरों ने उन्हें ये जोखिम उठाने से मना कर दिया था। डॉक्टरों ने उनसे कहा था कि अगर वह अपने अतिरिक्त अंगों को हटवाते हैं तो उन्हें लकवा मार सकता है और वो हमेशा के लिए अपाहिज हो सकते हैं, क्योंकि उनकी जो तीसरी टांग थी, वो उनकी रीढ़ की हड्डी के बिल्कुल पास थी। इसी वजह से उन्होंने ये विचार अपने दिमाग से निकाल दिया था।
फ्रैंक लेंटिनी ने 12 साल की उम्र में एक सर्कस में भर्ती हो गए थे। जहां से उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी। देखते ही देखने फ्रैंक सर्कस में दर्शकों की पहली पसंद बन गए। तीन टांगें होने के बावजूद उनके पास गजब की फुर्ती थी। वह अपनी तीसरी टांग से फुटबॉल को किक मारा करते थे, जो लोगों को काफी पसंद आता था। साथ ही साथ वह हाजिर जवाबी थी थे और अपने जवाब से दर्शकों का दिल जीत लेते थे।
21 सितंबर 1966 को अमेरिका के टेनेसी में 77 साल की उम्र में फ्रैंक लेंटिनी की मौत हो गई। फ्रैंक लेंटिनी जीवन में दो शादियां कि थी। पहली शादी से उनके चार बच्चे थे। फ्रैंक की पहली शादी ज्यादा समय चल नहीं पाई। जिस सर्कस में फ्रैंक लेंटिनी काम करते थे उसमे उनके शो का नाम ‘थ्री लेग्ड फुटबॉल प्लेयर’ रखा जाता था।
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