ऐसे कर सकते हैं जरुरतमंदों की मदद, होम थेरेपी से खुद की देखभाल करें

कोरोना के सेकेंड स्ट्रेन ने एक-एक कर इस बार उन लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है, जो पिछले साल से अब तक पूरी तरह से सेफ रहे।

कोरोना के सेकेंड स्ट्रेन ने एक-एक कर इस बार उन लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है, जो पिछले साल से अब तक पूरी तरह से सेफ रहे। पर इसका मतलब ये नहीं कि हल्के-फुल्के लक्षण नजर आने पर हम अपनी पहुंच में उपलब्ध अस्पताल के बेड और ऑक्सीजन का बेजा इस्तेमाल करने लगें। ऐसे में डॉक्टरों की भी सलाह यही है कि कोरोना के जरा से भी लक्षण नजर आने, यानी कि माइल्ड पॉजिटिव होने पर जरूरी है कि खुद को होम आइसोलेशन में रखकर घर में ही मास्क, स्टीम, गर्म पानी और दवाओं का प्रॉपर कोर्स किया जाए और ऐसा करके उन जरूरतमंदों की मदद करना हममें से हर एक का सबसे पहला फर्ज बन जाता है, जो समय पर ऑक्सीजन और अस्पताल का बेड न मिल पाने के कारण कोरोना से घुट-घुटकर दम तोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

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कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े अस्पतालों में हाल के दिनों में न सिर्फ बेड्स बल्कि ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखी जा रही है। ऐसे में कई अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की दिक्कतों को कम करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन की भरपाई हो रही है।

समझदारी से लें काम

मौजूदा हालत में कोविड-19 मामले खतरनाक तरीके से फैल रहे हैं और हर एज ग्रूप के लोग अब इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में तमाम जगहों पर मरीजों के लिए बेड्स की शॉर्टेज देखी जा रही है। इसी बीच अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी ने सरकार और पब्लिक की चिंता को बढ़ा दिया है। पर हम अपने एक छोटे से प्रयास से सरकार और जरूरतमंदों की इस चिंता को दूर कर सकते हैं।

इस स्थिति में सबसे पहला समझदारी भरा कदम तो यही होगा कि हम कोरोना के इस स्ट्रेन से खुद को सुरक्षित रखने की हर संभव कोशिश करें। इसके बावजूद अगर कोरोना के माइल्ड लक्षण हममें दिखने भी लगें तो सबसे पहले खुद को घर में आइसोलेट करके डॉक्टर की सलाह से घर मं मौजूद उपायों से अपने आपमें सुधार लाएं। ऐसा करके अस्पतालों के बेड और ऑक्सीजन को उन क्रिटिकल मरीजों के लिए बचा रहने दें। जिन्हें जिंदा रहने के लिए सिर्फ इन्हीं दो चीज़ों की जरूरत पड़ने वाली है।

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