आजमगढ़ जिले में अंग्रेजों के जमाने में स्थापित हुआ था यह कॉलेज, जिसे बनना था शिक्षा हब
आजमगढ़ जिले के रहने वाले शिक्षाविद् अल्लामा शिब्ली नोमानी ने 1883 में नेशनल कॉलेज की आधारशिला रखी थी। आज यह कॉलेज अपनी वर्षगांठ मना रहा है।
आजमगढ़। शिक्षाविद् अल्लामा शिब्ली नोमानी ने 1883 में नेशनल कॉलेज की आधारशिला आजमगढ़ में रखी थी। आज यह कॉलेज अपनी वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के शाहजहांपुर, जामिया इमिलिया के बड़ी संख्या में शिक्षाविद् उपस्थित हुए हैं। जो अपने अनुभव व पुरानी यादें साझा कर रहे हैं। जिले में शिक्षा के क्षेत्र में यहां से बड़ी संख्या में मेधावी निकले हैं, आज भी दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में रिसर्ज स्कॉलर यहां आते हैं। आजमगढ़ मुस्लिम सोसाइटी के प्रेसीडेंट शौकत अली का कहना है कि कहना है कि इस कॉलेज का नाम नेशनल कॉलेज अंग्रेजों के जमाने में रखा गया था।
उस समय नेशनल शब्द का प्रयोग अंग्रेजों का अच्छा नहीं लगता था। अल्लामा शिब्ली नोमानी सर सैय्यद अहमद खान के बेहद करीबी थे, और अलीगढ़ से शैक्षिक जीवन शुरू किया। किसी बात पर दोनों लोगों में विवाद हो गया तो अल्लामा शिब्ली नाराज होकर लखनऊ के नदवा कॉलेज चले आये। और बाद में अपने जिले आजमगढ़ आकर नेशनल कॉलेज की स्थापना की। शिब्ली नोमानी आजमगढ़ को अलीगढ़ की तर्ज पर शिक्षा का हब बनाना चाहते थे। जिले के बिंदवल के रहने वाले शौकत अली का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने जो योगदान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता है बिगड़ते समाज में अच्छे रिश्ते कायम करना मकसद
शौकत अली का कहना है कि बिगड़ते समाज में इस कॉलेज के माध्यम से अच्छे रिश्ते कायम रखना इसका मकसद था। यही कारण है कि इस कॉलेज में नेशनलिज्म, सेक्यूलरिज्म, बंधुत्व व भाईचारा है। आज भी दूर-दूर से छात्र यहां शिक्षा लेने आते हैं।
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