लाल बहादुर शास्त्री जयंती : ये हैं उनके वो अनमोल विचार जो हमेशा करेंगे हमारा मार्गदर्शन

दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की भी जयंती है।

दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की भी जयंती है। लाल बहादुर शास्त्री की सादगी अपने आप में मिसाल है और इसी सादगी और देशभक्ति के बल पर वह देश के प्रधानमंत्री बने।

ईमानदारी और स्वाभिमानी छवि के चलते आज भी उन्हें बहुत सम्मान के साथ याद किया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया था।

आज शास्त्री जी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके ये महान विचार सदा हमारा मार्गदर्शन करेंगे।

-जय जवान, जय किसान

-जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।

-आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा।

-जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है।

-हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास के लिए विशवास करते हैं।

-मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार ये है कि समाज को एकजुट रखा जाए, ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।

-कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार और मजबूत रहें।

-यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया, जिसे किसी रूप में अछूता कहा जाए तो भारत को अपना सिर शर्म से नीचे झुकाना पड़ेगा।

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