भगवान शिव का वो मंदिर जहां पर चढ़ाई जाती है सिगरेट, अपने आप अंदर से निकलने लगता है धुआं

विभिन्न मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को भांग और धतूरा प्रिय हैं, इस वजह से भगवान शिव को भांग और धतूरा अर्पण किया जाता है। कई स्थानों पर उनकी सजावट धतूरे से कि जाती है और भांग को प्रसाद के रूप में रखा जाता है।

विभिन्न मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को भांग और धतूरा प्रिय हैं, इस वजह से भगवान शिव को भांग और धतूरा अर्पण किया जाता है। कई स्थानों पर उनकी सजावट धतूरे से कि जाती है और भांग को प्रसाद के रूप में रखा जाता है।

भगवान शंकर के कई मंदिर है। जहां हम दर्शन के लिए जाते हैं और उनको कई तरह के प्रसाद अर्पण करते हैं। लेकिन भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर भी है, जहाँ शिवजी को प्रसाद के रूप में सिगरेट दी जाती है और वे सिगरेट भी पीते हैं। सिगरेट अर्पण करने के बाद तुरंत अंदर से धुआं निकलने लगता है।

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है मंदिर

शंकर भगवान का यह अनोखा मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। यह मंदिर लुटरु महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आने वाले भक्त भगवान शंकर को फूल और प्रसाद के साथ सिगरेट भी चढ़ाते हैं। मान्यता के अनुसार शिवलिंग को सदियों से सिगरेट दी जा रही है। कुछ लोग इसे एक चमत्कार के रूप में मानते हैं, कुछ लोग अंधविश्वास भी कहते हैं, लेकिन भोलेबाबा को सिगरेट पीता देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहाँ आते हैं।

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भगवान को सिगरेट अर्पण करने बाद, कोई भी इसे जलाता नहीं है, यह स्वयं से धुआं छोड़ना शुरू कर देता है, जिसे देखने के बाद, भक्तों को लगता है कि भोलेनाथ अपने आप सिगरेट पी रहे हैं। यहां आने वाले लोग इस दृश्य का वीडियो भी लेते हैं। महादेव के इस मंदिर में विभिन्न स्थानों पर गड्ढे हैं, जिनमें भक्त सिगरेट रखते हैं।

इस मंदिर का निर्माण सन1621 में बाघल राजघराने के राजा ने किया था। कहा जाता है कि राजा को एक दिन भगवान शिव ने सपने में आकर दर्शन दिए और यहां मंदिर का निर्माण कराने के लिए कहा। उसके बाद राजा ने यहां भोलेनाथ के मंदिर का निर्माण करवाया।

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