कोरोना वायरस के कारण लोगो के बीच तेज़ी से बढ़ा इस गंभीर बिमारी का खतरा, आधी रात में उठकर…
दुनिया के ज्यादातर देशों में तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना वायरस के नए मामले आना जारी हैं। भारत में तो हर नए दिन के साथ नए मामलों के रिकॉर्ड बन रहे हैं। लॉकडाउन और उसके बाद कोरोना संकट के दौर में घर में बैठे लोगों में अकेलेपन, खालीपन और संक्रमण के डर की वजह से डिप्रेशन की स्थिति पैदा हुई।
फिनलैंड के एक चौथाई प्रतिभागियों ने बताया कि उन्हें नींद में डरावने सपनों से बार-बार जूझना पड़ा. नींद पैटर्न में बदलाव का असर किसी से गले मिलना, भीड़भाड़ में फंसना, पार्टी से आनंद उठाना और वायरस से संक्रमित होना शामिल रहा. वैज्ञानिकों का मानना है कि सपने हमें महामारी के दौर में व्यवहार की सीख देते हैं. उनका कहना है कि नींद में सपनों का आना हमारे बदलते व्यवहार को मजबूत कर सकता है.
वैज्ञानिकों ने 28 मार्च से 15 अप्रैल के बीच प्रतिभागियों से हर सुबह अपने सपने बताने को कहा. गौरतलब है कि इस दौरान फिनलैंड में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. सपनों पर शोध के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक की मदद ली. उनके सपने को जानकर ये समझने की कोशिश की गई क्या उन्हें बुरे सपने पहले की तुलना में ज्यादा आ रहे थे.
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